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बोरिस जॉनसन

ब्रिटेन ने भी कश्मीर मामले पर अपनी स्थिति को प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के समक्ष स्पष्ट कर दी है और कहा कि कह्स्मिर विवाद को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय वार्ता के जरिये सुलझाना चाहिए। ब्रितानी प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन ने वार्ता के जरिये इस विवाद को हल करने की महत्वता को रेखांकित किया है।

मंगलवार को दोनों नेताओं ने फ़ोन पर कश्मीर के सिलसिले और भारत-ब्रिटेन साझेदारी की महत्वता पर चर्चा की थी। प्रधानमंत्री दफ्तर ने बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने कश्मीर के मौजूदा हालातो पर चर्चा की थी। प्रधानमन्त्री ने यह स्पष्ट किया है कि इस विवाद को द्विपक्षीय तरीके से हल किया जाना चाहिए।

प्रधानमन्त्री मोदी ने बातचीत की शुरुआत जॉनसन को बधाई देकर की थी। दोनों पक्षों ने साझेदारी की महत्वता पर सहमती को जाहिर किया है और इसका आगे निर्माण की जरुरत को बताया है और इसमें व्यापारिक और आर्थिक सम्बन्ध शामिल है।

प्रधानमन्त्री मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन में में काफी संभावनाएं है जिससे दोनों देशो की समृद्धता में वृद्धि हो सकती है। फ्रांस में जी-7 सम्मेलन से पूर्व प्रधानमन्त्री मोदी और जॉनसन की बातचीत हुई है। इस सम्मेलन में दोनों नेता पहली बार मुलाकात करेंगे।

बयान के मुताबिक, प्रधानमन्त्री मोदी और जॉनसन जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी पर अन्य खतरों से निपटने के लिए एकजुट होकर करने की महत्वता पर सहमती जाहिर की है। इस सप्ताहांत में आयोजित बैठक में दोनों नेता विभिन्न महत्वपूर्ण मामलो पर चर्चा करेंगे।

पीएम मोदी ने ब्रितानी समकक्षी के समक्ष पाकिस्तानी समर्थित प्रदर्शनकारियों और खालिस्तानी समर्थको द्वारा भारतीय दूतावास के बाहर तोड़फोड़ के मुद्दे को भी उठाया था। जॉनसन ने इस मामले पर खेद प्रकट किया था और सभी जरुरी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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