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    भारत और पाकिस्तान की सरकार के मध्य अभी कोई वार्ता जारी नही है लेकिन दोनों सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि कूटनीतिक बातचीत पूरी तरह रद्द न हो जाये। बीते हफ्ते भारत के पाकिस्तान में नियुक्त उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने पाकिस्तान के विदेश सचिव तहमीना जंजुआ को बुलावा भेजा था।

    भारत मे मौजूद पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहैल महमूद की बमुश्किल ही एक मुलाकातभारतीय विदेश सचिव विजय गोखले से हुई थी। दोनो ही बैठकों में मानवीय लिहाज से संबंधों को मजबूत करने, साथ ही दोनो तरफ से कैदियों को रिहा करने की जरूरत पर बात हुई थी हालांकि करतारपुर बॉर्डर पर कोई बातचीत नही की गई थी।

    अब भारत पाकिस्तान के साथ कोई आधिकारिक बातचीत की योजना नही बना रहा है। भारत का ध्यान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बात को अमल में लाएं है जो उन्होंने बीते वर्ष कहा था कि जल्द ही मानवीय मसलों को सुलझाना चाहिए। इसमे एक-दूसरे के देश मे हिरासत में कैदी महिलायें और मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगो को रिहा कर दिया जाना चाहिए या उनका प्रत्यर्पण कर देना चाहिए।

    भारत सरकार ने इन कैदियों की स्वास्थ्य की जांच के लिए एक संयुक्त मेडिकल टीम का गठन करने का प्रस्ताव दिया था। ताकि प्रत्यर्पण से पूर्व दोनो देशों में कैदियों की जांच मेडिकल टीम कर सके।

    अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तान सरकार 1 जुलाई 2018 से भारतीय कैदियों तक सरकार को पहुंचने नही दे रही है। भारत के अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान की जेल में अभी 49 भारतीय नागरिक और 482 मछुवारे कैद हैं। भारतीय जानकारों के अनुसार इन मछुवारों की संख्या में से 370 मछुवारों की भारतीय नागरिकता की पुष्टि हो चुकी हैं।

    पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों के साथ हर हफ्ते उत्पीड़न या शोषण की खबरे आती रहती है। जानकारों के अनुसार उच्च स्तर की बैठक से इस मसले का हल निकल सकता है। पाकिस्तान के अधिकारियों ने भारत पर विएना सम्मेलन का उल्लंघन करने के आरोप लगाएर हैं। पाक के मुताबिक भारत ने एक पाकिस्तानी राजनयिक को गिरफ्तार कर रखा है।

    अधिकारियों ने पुष्टि की कि इन सप्ताह दोनो पक्षों के बीच दो बार मुलाकात हुई थी। संयुक्त राष्ट्र के अध्यक्ष एंटोनियो गुएतरेस ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान अपने मध्य मतभेदों को सुलझाने के लिए सार्थक बातचीत करेंगे। साथ ही यूएन प्रमुख ने कहा कि उन्होंने दोनों राष्ट्रों के मध्य बातचीत करने की कोशिश भी की है लेकिन अभी तक कोई सफलता हासिल नहीं हुई है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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