भारत ने आज नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी दूतावास के काय्वाहक उप उच्चायुक्त को तलब किया है। साथ ही करतारपुर पैनल में अलगाववादियों की मौजूदगी पर आपत्ति व्यक्त की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने करतारपुर गलियारे के खुलने के साधनों पर आयोजित बैठक को 2 अप्रैल के लिए पुनर्निर्धारण कर दिया है।
बयान के मुताबिक, करतारपुर गलियारे पर मुलाकात की अगली तारीख पाकिस्तान की प्रतिक्रिया के बाद तय की जाएगी।पाकिस्तान की मंशा पर मंत्रालय ने कहा कि “खालिस्तानी नेता मनिंदर सिंह तारा और गोपाल सिंह चावला जैसे लोगों की उपस्थिति असामंजस्य का कारण बन सकती है। यह लोग हाफिज सईद के लश्कर ए तैयबा से काफी करीब है।”
सरकार ने कहा कि “करतारपुर सुविधाओं का इस्तेमाल भारत विरोधी प्रोपेगंडा के लिए इस्तेमाल नहीं किया जायेगा। पाकिस्तान को स्पष्ट करना होगा कि वह श्रद्धालुओं की आवजाही के लिए दोनों देशों बीच फासलों को कैसे कम करेगा।
2 अप्रैल की बैठक को रद्द करने पर पाकिस्तान विदेश विभाग ने कहा कि “बैठक के पुनर्निर्धारण के भारतीय निर्णय से काफी निराश हैं। पाकिस्तान के विचार जाने बिना अंतिम क्षण में बैठक को रद्द कर देना, जबकि 19 मार्च को हुई तकनीकी मुलाकात काफी फलदायी रही थी।”
सूत्रों ने बताया कि “पिछली बैठक मे दोनों देशों के अधिकारीयों की स्थिति में काफी अंतर था। भारत ने पाकिस्तान से रोजाना 5000 श्रद्धालुओं को गुरुद्वारे के दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की थी, जबकि पाकिस्तान 500-700 श्रद्धालुओं को आने देने की बात पर अड़ा था।”
बयान के मुताबिक “भारत सरकार लम्बे समय से लंबित भारतीय श्रद्धालुओं की मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस गलियारे का इस्तेमाल कर भारतीय श्रद्धालु सुरक्षित और आसान मार्ग से करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकेंगे।”
बीते नवम्बर में भारत और पाकिस्तान ने गलियारे के निर्णाम को मंज़ूरी दी थी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने 26 नवंबर को उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के साथ पंजाब के गुरुदासपुर जिले में करतारपुर गलियारे की नीव रखी थी।पाकिस्तान में स्थित डेरा नानक साहिब में सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किये थे।