भारत और पाकिस्तान की करतारपुर गलियारे पर बैठक के दूसरे दौर से दो दिन पूर्व पाकिस्तान के प्रतिनिधि समूह से हटा दिया था। शुक्रवार को पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सदस्य और खालिस्तानी नेता गोपाल सिंह चावला को करतारपुर परियोजना का हिस्सा होने पर भारत नेआपत्ति जताई थी।
पाकिस्तान ने शुक्रवार को आधिकारिक बयान में कहा कि “संघीय सरकार ने पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति का फिर से गठन करने का आग्रह किया है और इसमें चावला का नाम पैनल से हटा दिया गया है।”
चावला ने शनिवार को कहा कि “मैंने करतारपुर परियोजना के लिए कुर्बानी दी है। मैं पाकिस्तान के पीएम इमरान खान का शुक्रगुजार हूं कि वह गलियारा खोलने को लेकर संजीदा है।” करतारपुर कॉरिडोर से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान रविवार को दूसरी बार मुलाकात करेंगे।
भारत में पंजाब में बाबा डेरा नानक के पास तीर्थयात्रियों को बाढ़-ग्रस्त इलाके पार करने में मदद के लिए एक पुल का निर्माण किया जा रहा है। पाकिस्तान के अधिकारी ने कहा कि “वे केवल अपनी तरफ से एक कार्य मार्ग का निर्माण कर सकते हैं क्योंकि पुल बनाने के लिए हमारे पास पर्याप्त समय नहीं है।”
गोपाल सिंह चावला सिख खालिस्तान आन्दोलन का प्रमुख समर्थक है जो सिखों के लिए एक अलग मुल्क की माँग कर रहा है। पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गलियारे के शिलान्यास समारोह के बाद मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू खालिस्तानी चरमपंथी गोपाल सिंह चावला के साथ तस्वीर खिंचा रहे थे, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया था।
कनाडा में खालिस्तानी समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस ने भारत से अलग सिखों के एक मुल्क के लिए 2020 जनमत संग्रह आन्लोदन का आगाज किया था।
ख़बरों के मुताबकि बीते वर्ष भारतीय सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान के गुरुद्वारे में खालिस्तानी समर्थक बैनर दिखाए गए थे और इसके साथ ही सिख श्रद्धालुओं को मिलने गए भारतीय राजदूतों को जबरन सच्चा सौदा गुरुद्वारा छोड़ने के लिए विवश कर दिया गया था। वह चावला ही था जिसने राजनयिकों को गुरूद्वारे से बाहर निकाला था।