भारत में साल 2019 के लोकसभा चुनावो का दौर खत्म हो चुका है और कई न्यूज़ चैनलो के एग्जिट पोल भी दिखाए जा चुके हैं। भारत के साथ वार्ता के लिए पाकिस्तान बैकचैनल के विकल्पों पर विचार कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारों को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर नियुक्त करने पर विचार कर रहा है ताकि नई दिल्ली के साथ कूटनीतिक संबंधों को बहाल किया जा सके।
14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में काफी गिरावट आयी है। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानो की मृत्यु हुई थी। पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक, एनएसए के पद के लिए कई नामो पर विचार किया जा रहा है। हालाँकि अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि यह योजना दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर की वार्ता बहाल करने के लिए लिया जा रहा है। भारत अपनी स्थिति पर अडिग है कि वार्ता आतंक साथ संभव नहीं है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 1 अगस्त को पदभार संभाला था और अपने भाषण में कहा कि “अगर भारत शान्ति की तरफ एक कदम बढ़ाएगा और उनकी सरकार दो कदम आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है।”
दोनों देशों ने पूर्व में भी वार्ता के लिए माहौल तैयार करने के लिए बैकचैनल का इस्तेमाल किया था। साल 2015 में पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नसीर खान जंजुआ ने बैंकॉक में भारतीय समकक्षी अजित डोभाल के साथ मुलाकात की थी। दोनों पक्ष बैठक के दौरान सम्मिश्रित वार्ता को बहाल करने पर सहमत हुए थे।
बीते महीने विदेशी पत्रकारों से बातचीत के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि “भारत में आम चुनावो के बाद यदि मोदी सत्ता में वापसी करते हैं तो शान्ति वार्ता के बहाल होने के मौको में इजाफा होगा।”