विश्व बैंक की जारी रिपोर्ट में भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार क्षमता 37 अरब डॉलर है। रिपोर्ट में बताया गया है कि राजनीतिक खटास और सामान्य व्यापार संबंधों में कमी का असर दक्षिण एशिया पर पड़ा है।
दक्षिण एशिया के क्षेत्रों में व्यापार का वादे के तहत आयी इस रिपोर्ट में भारत-पाक के द्विपक्षीय व्यापार में प्रतिबंधित उत्पादों कि लम्बी सूची होने के कारण व्यापार में कमी आयी है। भारत और पाकिस्तान दोनों मुल्कों ने टैरिफ में बिना रियायत दिए उत्पादों की एक लम्बी सूची जारी की हुई है।
दोनों पक्षों के बीच सामान्य व्यापार संबंधों के न स्थापित होने की वजह से क्षेत्रीय व्यापार के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है। पाकिस्तान के पास 936 उत्पादों कि सूची है जिस पर एसएएफटीए (साउथ एशियाई फ्री ट्रेड एरिया) देशों पर 17.9 फीसदी टैरिफ लगता है।
भारत के 25 उत्पादों पर 0 .5 प्रतिशत टैरिफ लगता है। भारत के पास 64 उत्पादों की सूची श्रीलंका और पाकिस्तान के लिए है। अलबत्ता ये पाकिस्तान के लिए अधिक है क्योंकि भारत और श्रीलंका के बीच मुफ्त व्यापार समझौता हो रखा है।
भारत ने पाकिस्तान को एसएएफटीए के तहत साल 1996 में सहायकयुक्त राष्ट्र का दर्जा दे रखा है हालांकि पाकिस्तान ने ऐसा कोई विशेष दर्जा भारत को नहीं दिया है।
पाकिस्तान के पास 129 उत्पादों की सूची है जो वह भारत से आयात नहीं कर सकते हैं। जबकि इनमे से अधिकतर उत्पाद भारत किसी तीसरे देश के माध्यम से पाकिस्तान तक पहुंचता है। पाकिस्तान केवल 138 वस्तुओं को ही वाघा-अटारी बॉर्डर से आयत करने की अनुमति देता है।
कोई भी कार्गो ट्रक बॉर्डर पार नहीं कर सकता जिससे समय और व्यापार की कीमत में वृद्धि होती है। मसलन सामान को सीमा पर दूसरे वाहन में लोड करना होता है। वस्तु एवं सेवा कर और एफडीआई निवेश भी दोनों देशों के व्यापर को संतुलित करने में अवरोध पैदा कर रहा है।
भारत और पाक की वीजा नीति के कारण दोनों देशों के लोगों को आवाजाही करने पर पाबंदी लगी लगी हुई है। भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक अस्थिरता और संतुलित व्यापार न होने की छाया दक्षिण एशिया पर पड़ी है।