अमेरिका ने भारत व पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने को लेकर मध्यस्थ बनने से साफ इंकार कर दिया है। अमेरिका ने कहा कि वो भारत-पाकिस्तान विवाद में किसी भी तरह की मध्यस्थता वाली भूमिका नहीं निभाएगा। हालांकि अमेरिका ने कहा कि वो भारत-पाकिस्तान को बातचीत के प्रोत्साहित जरूर कर सकता है।
दक्षिण एवं मध्य एशिया के कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस जी वेल्स ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि ट्रंप प्रशासन दक्षिण एशिया में परमाणु क्षमता वाली नई बैलेस्टिक व क्रूज मिसाइल के आने से पैदा हुई सामरिक स्थिरता के खतरे को लेकर बेहद चिंतित है।
वेल्स ने कहा कि दक्षिण एशिया की रणनीति में भारत व पाकिस्तान के बीच में तनाव कम करवाने की रणनीति भी शामिल है। इसके लिए अमेरिका दोनों देशों के बीच तनाव खत्म करने को लेकर कोशिश करेगा।
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लेकिन दोनों देशों के बीच किसी भी तरह की मध्यस्थता की भूमिका अदा नहीं करेगा। वहीं वेल्स ने पाकिस्तान में जारी अस्थिरता व आतंकवाद को लेकर भी बयान दिया। वेल्स ने कहा कि पाकिस्तान में खूंखार आतंकवादी संगठन पनप रहै है। इनके खात्मे के लिए अमेरिका, पाकिस्तान का साथ देने को तैयार है।
अमेरिकी संगठन ने की पाक को वित्तीय मदद रोकने की मांग
वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी संगठन वर्ल्ड मुजाहिर कांग्रेस ने अमेरिकी सरकार को कहा है कि पाकिस्तान में अभी भी आतंकवाद को खत्म करने के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है। पाक आंतकवाद को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाना चाहता है।
इसलिए अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी वित्तीय सहायताओं पर रोक लगानी चाहिए। वर्ल्ड मुजाहिर कांग्रेस ने कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस को दिए ज्ञापन में मांग की है कि अमेरिकी सरकार को नफरत व हिंसा फैलाने वाले देश को वित्तीय सहायता तत्काल बंद कर देनी चाहिए।
ज्ञापन में पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि पाक,अमेरिका से मिलने वाली वित्तीय सहायता का गलत उपयोग कर रहा है। पाक आतंकवाद को खत्म करने की बजाय इसे पनपने में अमेरिका के धन का उपयोग कर रहा है।