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    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

    अफगानिस्तान में शांति के प्रयास के लिए अमेरिका निरंतर प्रयास कर रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि जंग से जूझ रहे अफगानिस्तान में शांति के लिए भारत, पाकिस्तान और रूस को तालिबान के खिलाफ जंग का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने अफगानिस्तान में शांति प्रयास में भारत की भूमिका पर असंतुष्ट व्यक्त की थी।

    ख़बरों के मुताबिक नए साल की पहली कैबिनेट बैठक में डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान में लाइब्रेरी के निर्माण करवाने की पीएम मोदी की इच्छा की भी आलोचना की थी।

    अमेरिका ही क्यों?

    कैबिनेट बैठक में एक सवाल का जवाब देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि “अफगानिस्तान में तालिबान से लड़ने के लिए रूस वहां क्यों नहीं है, भारत और पाकिस्तान वहां क्यों नहीं हूँ? हम वहां क्यों हैं? हम 6000 मील दूर है, मुझे कोई दिक्कत नहीं है। मुझे अपनी जनता और अन्य राष्ट्रों की सहायता करना चाहता हूँ।

    भारत का प्रयास काफी नहीं

    डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान में विकास और शांति के प्रयासों के बाबत बताया, लेकिन आलोचना की कि वे देश अफगानिस्तान में अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे रहे हैं और वे अमेरिका का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उदाहरण देते हुए डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा “भारतीय प्रधानमन्त्री ने निरंतर अफगानिस्तान में एक लाइब्रेरी के निर्माण की बात मुझसे कही थी। हमने पांच घंटे इस पर चर्चा करने में व्यतीत किये थे और आखिरकार मुझे लाइब्रेरी के लिए धन्यवाद कहना पड़ा था। मुझे नहीं पता अफगानिस्तान ने इस लाइब्रेरी का इस्तेमाल कौन करेगा।”

    उन्होंने कहा कि भारतीय प्रधानमन्त्री ने खुद को होशियार कहा और मैंने उन्हें लाइब्रेरी के लिए धन्यवाद कहना पड़ा। अफगानिस्तान में शांति प्रयासों में अमेरिका और अन्य क्षेत्रीय देशों की तुलना में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि बीत दशकों में दूसरे राष्ट्रों ने ने क्या किया है और बात ऐसे करते हैं जैसे यह दुनिया का अंत हो। उन्होंने कहा कि हमने उनकी सेना को अरबों रूपए देकर को सब्सिडी प्रदान की थी।

    अफगानिस्तान में सुरक्षा के बाबत डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “हम वहीँ कर रहे हैं जो सही है। हम तालिबान के साथ बातचीत कर रहे हैं। हम इन प्रयासों से जुड़े सभी लोगों के साथ बातचीत कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि रूस का अफगानिस्तान में होने का कारण आतंकियों का मास्को में प्रवेश है। उन्होंने कहा कि दिक्कत यह है कि अफगानिस्तान में लड़ाई बहुत मुश्किल है और वह (रूस) दिवालिया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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