पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जावेद कमर बाजवा ने पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री की शांति पहल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने गंभीरता के साथ भारत के सामने शांति की पहल और दोस्ती का हाथ बढ़ाया था, इसे पाकिस्तान की कमजोरी न समझे। पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री के शांति प्रयासों के कसीदे पढ़ते हुए पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष ने कहा कि शांति सभी के लिए फायदेमंद है और यह बीमारियों, गरीबी व असाक्षरता के खिलाफ लड़ने का समय है।
जावेद कमर बाजवा ने कहा कि हमारी नई सरकार भारत के सामने गंभीरता से शांति और दोस्ती के लिए हाथ बढाया था लेकिन इसे हमारी कमजोरी न समझा जाए। पाकिस्तान में सेना ने पिछले 71 सालों से अधिक तक राज किया था और लगातार विदेशी मसलों में दखलंदाज़ी करती है।
जावेद कमर बाजवा ने कहा कि युद्ध जनता के लिए मौत, तबाही और कष्ट लेकर आता है। उन्होंने कहा कि यह सं मसले शांति वार्ता से ही सुलझ सकते हैं और इसलिए हम अफगानिस्तान में शांति प्रयासों पर अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। उन्होंने चेताया कि पकिस्याँ को अभी भी अघोषित आतंकवाद से बाहर निकलना बाकी है।
जावेद कमर बाजवा ने कहा कि पहले आतंकियों की तरह अब ताकतवर नए खतरे के तौर पर उभर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें अधिकतर मार्ग से भटके हुए, नफरत से भरे हुए और धार्मिक या सामान्य या सोशल मीडिया की बदसुलूकी से पीड़ित है। उन्होंने कहा कि हमारे लड़के और लड़कियां इन खतरनाक गतिविधियों के पीड़ित होते जा रहे हैं।
सेनाध्यक्ष ने कहा कि आधुनिक तकनीक और सूचना ने जंग की प्रकृति को बदल गया है, हमें अपनी पारंपरिक मानसिकता और दृष्टिकोण में बदलाव करने की जरुरत है। पाकिस्तान ने हाल ही में भारत के साथ शांति वार्ता के लिए कहा था, लेकिन भारत ने सीमा पार आतंकवाद के कारण इस वार्ता को रद्द कर दिया था। भारत ने कहा था कि वार्ता और आतंकवाद साथ होना संभव नहीं है।