भारत और पाकिस्तान के बीच आयोजित पहली मुलाकात में नई दिल्ली ने इस्लामाबाद से प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं को वीजा मुक्त यात्रा करने देने की मांग की है। भारतीय गृह मंत्रालय के अधिकारी एससीएल दास ने कहा कि “हमारे पक्ष ने प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं को वीजा मुक्त यात्रा करने देने की मांग की है। इसमें सिर्फ भारतीय राष्ट्रीय नागरिक ही नहीं बल्कि भारतीय मूल के नागरिक भी शुमार है।”
उन्होंने कहा कि “हमने उनके समक्ष मज़बूती से इस बात को रखा है और अनुमति की गुजारिश की है। क्योंकि सिर्फ पूरे देश से ही नहीं बल्कि समस्त विश्व से सातो दिन, पूरे साल बिना किसी रूकावट के श्रद्धालु आएंगे। साथ ही विशेष दिन जैसे गुरुपर्व, बैशाखी को 10000 श्रद्धालुओं को अनुमति दी जाए।”
Respecting the sentiments of the people
Talks concluded on various aspects and provisions of the operationalisation of #KartarpurCorridor on the occasion of 550th Birth Anniversary of Guru Nanak Dev ji
Joint Press Statement at https://t.co/80pHULecY7 pic.twitter.com/zUaaTYcajH— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 14, 2019
हाल ही में सरकार ने संकेत दिए थे कि इस मुलाकात का मतलब बातचीत बहाल करने से न निकाला जाए यह सिर्फ करतारपुर गलियारे पर बातचीत है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि “इसका मतलब यह कतई नहीं कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बातचीत बहाल हो चुकी है। वार्ता पर हमारी स्थिति स्पष्ट है। आज हमारी बैठक करतारपुर मसले पर थी ताकि सिख श्रद्धालु आसानी से करतारपुर साहिब के दर्शन कर सके।”
दीपक मित्तल ने कहा कि “पाकिस्तानी पक्ष से हमारी अपेक्षाएं बिल्कुल स्पष्ट है, हम किसी भी शरारती तत्व को अनुमति नहीं देंगे। हम ऐसी किसी भी तरह की गतिविधि को इजाजत नहीं देंगे जो श्रद्धालुओं की आत्मा के विपरीत हो।”
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि “पहली मुलाकात समझौते के तौर तरीके को फाइनल करने और मसौदे को तैयार करने के लिए हुई थी। ताकि सिख श्रद्धालु करतारपुर गलियारे का इस्तेमाल कर के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की कर सके। यह मुलाकात भारत में सौहर्द्पूर्व वातावरण में हुई थी। दोनों पक्षों की प्रस्तावित समझौते के सभी पहलुओं और प्रावधानों पर रचनात्मक और गहरी बातचीत हुई है। साथ हो दोनों ने करतारपुर साहिब गलियारे के शीघ्र संचालन की तरग कार्य करने पर रज़ामंदी जाहिर की है।”
बयान के अनुसार “दोनों पक्षों ने अगली मुलाकात 2 अप्रैल 2019 को वाघा में आयोजित करने पर रजामंदी जाहिर की है। इसके आलावा 19 मार्च 2019 को तकनीकी विशेषज्ञों की मुलाकात होगी।”
भारत ने 24 नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लाहौर से 124 किलोमीटर दूर नरोवाल में इस गलियारे की नींव रखी थी। करतारपुर पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में आता है और नरोवाल जिले में पड़ता है। भारत सरकार ने इस निर्णय को 22 नवम्बर 2018 को लिया था, क्योंकि यह प्रस्ताव लम्बे समय से अटका हुआ था।