अमेरिका के प्रतिनिधि और विदेशी मामलो पर सदन की समिति के अध्यक्ष एलियट एल एंगेल ने सोमवार को कहा कि “पाकिस्तान को अपनी सरजमीं से आतंकी ढांचों को हटाने के लिए सर्वप्रथम ठोस और अपरिवर्तनीय कदम उठाने होंगे, तभी भारत के साथ अर्थपूर्ण वार्ता मुमकिन है।”
पाक आतंकी ढांचों को तबाह करे
अमेरिका में भारत के राजदूत हर्ष वर्धन श्रृंगला के साथ बातचीत के दौरान सांसद ने यह बयान दिया था। इससे पूर्व अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दो दक्षिणी एशियाई देशों के बीच कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने की इच्छा व्यक्त की थी, जिसका आग्रह कथित तौर पर प्रधानमन्त्री मोदी ने किया था।
भारत के मुताबिक, पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रम्प से मध्यस्थता का कोई आग्रह नहीं किया था। अधिकारिक बयान के मुताबिक, चेयरमैन एलियट ने कश्मीर विवाद पर अमेरिका की स्थिति के समर्थन को दोहराया है। उन्होंने कहा कि “वह भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता का समर्थन करते हैं लेकिन बातचीत की गति और विस्तार सिर्फ भारत और पाकिस्तान के द्वारा ही मुकम्मल हो सकती है।
उन्होंने दोहराया कि अर्थपूर्ण बातचीत के लिए पाकिस्तान को सबसे पहले आतंकी ढांचों को तबाह करने के लिए ठोस और अपरिवर्तनीय कदम उठाने होंगे। ट्रम्प की टिप्पणी को सभी ने खारिज किया है और कहा कि पीएम मोदी ने ऐसा कोई भी आग्रह नहीं किया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि “पाकिस्तान के सभी सभी विवादस्पद मुद्दों पर द्विपक्षीय चर्चा की जाएगी। इस्लामाबाद के साथ किसी भी बातचीत के लिए सबसे पहले सीमा पार आतंकवाद पर लगाम लगनी चाहिए। शिमला समझौता और लाहौर ऐलान भारत और पाकिस्तान को सभी मसलो को द्विपक्षीय वार्ता से सुलझाने का आधार मुहैया करता है।”
अमेरिका के राष्ट्रपति का बयान सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान के साथ व्हाइट हाउस में बातचीत के दौरान आया था।