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    सिख समुदाय के अत्यंत पवित्र स्थल ननकाना साहिब गुरुद्वारे के बाहर भीड़ के उपद्रव और पेशावर में एक सिख युवक की हत्या का मुद्दा भारत द्वारा उठाना पाकिस्तान को रास नहीं आया है। दुनिया में सुर्खियों में छाए इन मुद्दों पर भारत ने पाकिस्तान को अपने यहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा था लेकिन पाकिस्तान ने इसे भारतीय प्रोपेगेंडा बता कर खारिज कर दिया।

    पाकिस्तान विदेश मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी बयान की कटु भाषा से साफ है कि भारत ने पाकिस्तान की दुखती रग पर हाथ रख दिया है। तिलमिलाए पाकिस्तान ने अपने बयान में कहा है कि ‘पाकिस्तान से यह सब कहने के बजाए भारत में सत्तारूढ़ आरएसएस प्रेरित भाजपा सरकार अपने देश के अल्पसंख्यकों को भगवा आतंक से बचाए।’

    बयान में बाबरी मस्जिद विवाद, गुजरात के दंगों, मॉब लिंचिंग आदि का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि ‘इस सबमें जो शामिल हो, उसे अल्पसंख्यकों की रक्षा की बात कहने तक का हक नहीं है।’

    बयान में कहा गया है कि ‘ननकाना साहिब और पेशावर की स्थानीय घटनाओं को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा से जोड़ देना, पाकिस्तान विरोधी प्रोपेगेंडे का हिस्सा है और यह कश्मीर से ध्यान हटाने की कोशिश है।’

    बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान में सिख धर्मस्थलों समेत सभी धर्मो के पवित्र स्थलों का पूरा सम्मान किया जाता है। पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरीडोर की शुरुआत कर अल्पसंख्यकों के प्रति अपने जिस विजन को पेश किया है, उससे सिख परिचित हैं।

    विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ‘पेशावर में सिख युवक की हत्या को राजनैतिक रंग देने की भारतीय कोशिश भोंडी है। इस घटना पर फौरन मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है और दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।’

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