दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र की पहचान रखने वाले सियाचिन को पर्यटकों के लिए खोलने के भारत के फैसले पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई है और कहा है कि भारत से किसी सद्भावना की उम्मीद नहीं की जा सकती। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में सियाचिन की स्थिति पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, “भारत कैसे सियाचिन को पर्यटन के लिए खोल सकता है? यह एक विवादित क्षेत्र है जिस पर भारत ने जबरन कब्जा जमाया हुआ है। हम भारत से किसी सद्भावना की उम्मीद नहीं करते। हमने हमेशा भारत से अच्छा संबंध चाहा लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला।”
फैसल ने एक बार फिर कश्मीर पर अपनी चिंताओं को जताया और कहा कि भारत को विदेशी प्रतिनिधिमंडलों को कश्मीर जाने देना चाहिए।
उन्होंने यह दावा भी किया कि यात्रियों के करतारपुर आने में भारत द्वारा रुकावट पैदा की जा रही है जबकि पाकिस्तान की तरफ से कोई रुकावट नहीं है।
प्रवक्ता ने लंदन में रह रहे मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट के एक धड़े के नेता अल्ताफ हुसैन के भारतीय चैनल को दिए उस इंटरव्यू पर चिंता जताई जिसमें हुसैन ने भारत में शरण देने की गुहार लगाई थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस मामले को देख रहा है और इसका विस्तृत जवाब दिया जाएगा।
प्रवक्ता ने इस दावे को खारिज किया कि नेपाल में कुछ साल पहले अगवा किए गए पाकिस्तान सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब जाहिर की मौत हो चुकी है। उन्होंन कहा कि हबीब की मौत का जो सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर दिखाया जा रहा है, वह फर्जी लग रहा है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सीमा के पास नेपाल में अगवा किए गए हबीब को लेकर उनके परिजन और पाकिस्तान सरकार चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मौत की बातें पाकिस्तान और इसके नागरिकों के प्रति शत्रुता रखने वाली एजेंसियों द्वारा चलाए जाने वाले सनसनी फैलाने वाले अभियान का हिस्सा हैं।