भारत और नेपाल ने मंगलवार को दक्षिण एशिया की पहली सीमा पार पेट्रोलियम पाइपलाइन का उद्घाटन किया है। यश पाइपलाइन काठमांडू को तेल की कीमतों में दो रूपए कम करने में मदद करेगी। भारतीय प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली ने विडियो कांफ्रेसिंग के जरिये 69 किलोमीटर की पाइपलाइन का उद्घाटन किया है। यह बिहार के मोतिहारी जिले से नेपाल के अमलेखगंज तक है।
नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि “मैत्री देश के साथ तरक्की के फल साझा कर रहे हैं। मोतिहारी-अमलेखगंज पाइपलाइन नेपाल की जनता को उचित कीमत पर पेट्रोलियम उत्पाद मुहैया करेगी। मैं आभारी हूँ कि हमारी जनता के संयुक्त हित के लिए भारत और नेपाल का सहयोग नई बुलंदियों को छू रहा है।”
A special day for India-Nepal friendship!
My friend, PM Oli and I jointly inaugurated South Asia’s first cross-border petroleum products pipeline from Motihari in India to Amlekhgunj in Nepal.
You would be happy that this project has been completed much ahead of schedule. pic.twitter.com/4i5IU4Qv7a
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2019
ओली ने इस पाइपलाइन को भारत और नेपाल के बीच व्यपार और ट्रांजिट में जोड़ने का बेहतर उदहारण बताया था और मोदी को नेपाल के लिए आमंत्रित किया, जिसे भारतीय पीएम ने स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि पाइपलाइन का कार्य तय समय से 15 महीने पूर्व पूरा हो गया है। मोदी और ओली ने अप्रैल 2017 में इसकी नींव रखी थी।
पड़ोसी पहले की नीति के तहत काठमांडू से संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए 324 करोड़ की लागत की पाइपलाइन एक अनोखा प्रयास है। इसमें 20 लाख टन के पेट्रोलियम पदार्थो के ढोने की सक्षमता है जो नेपाल को सही कीमत पर बेरोकटोक इंधन को सप्लाई करेगी
भारत और नेपाल के बीच साल 1997 से ईंधन सप्लाई समझौता है और पाइपलाइन को सबसे पहले साल 1996 में प्रस्तावित किया गया था। काठमांडू के साथ मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद सम्बन्ध बेहद अच्छे हुए हैं और इससे पहले मतभेद थे। तेराई नेपाली नाते संविधान के विरुद्ध थे और इसी कारण प्रोजेक्ट को रोकना पड़ा था। नेपाल ने इससे ईंधन की कमी हो गयी और कड़वाहट काफी बढ़ गयी थी।
इस पाइपलाइन को आखिरकार मार्च 2017 में मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और नेपाल ने मंज़ूरी दे दी थी। प्रधान ने कहा कि “नेपाल को ईंधन सप्लाई करना भारत के लिए कारोबार नहीं है, यह एक जिम्मेदारी है। उद्योग और पर्यटन में वृद्धि के लिए वहां इंधन मौजूद है, इससे ज्यादा वाहन होंगे और आप ज्यादा सडको का निर्माण करेंगे।”