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    भारतीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

    वामपंथी समर्थक खड़क प्रसाद ओली के नेपाल के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत के साथ काठमांडू के रिश्तों में खटास आयी है। खैर ताली एक हाथ से नही बजती, भारत का नेपाल के प्रति रूखा रवैया रखने के कारण ही नेपाल चीन के निकट हो गया।

    बहरहाल भारतीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान नेपाल के दिवसीय दौरे पर है। भारतीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रसाद ने कहा कि हिमालय की गोद मे बसे नेपाल ने पेट्रोलियम गैस और प्राकृतिक गैस की पाइपलाइन द्वारा सप्लाई के लिए हामी भर दी है। धर्मेंद्र प्रधान ने नेपाल के अन्य विभागों और प्रतिनिधिंयों से बातचीत की

    पेट्रोलियम मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि भारत की  इंडियन ऑइल कॉपरेशन और नेेपाल ऑइल कॉपरेेेशन मिलकर इस परियोजना पर कार्य करेंगे।

    नेपाल और भारत के दोनों नेताओं ने मिलकर द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग के मुद्दे पर अपनी राय रखी साथ ही बिहार के मोतिहारी से नेपाल के अमलेखगूँज तक पाइपलाइन का कार्य जल्द निपटाने पर रजामंदी दी। साल 2015 में दोनों देशों ने इस समझौते पर दस्तखत किए थे।

    यह परियोजना पर्यावरण के अनुकूल और कम खर्चालू होगी। यह पाइपलाइन नेपाल के सालाना दो बिलियन डॉलर की बचत करेगी।

    इससे पहले धर्मेंद्र प्रधान को तत्कालीन प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल ने बुलावा भेजा था। उन्होंने भारत की पेट्रोलियम पाइपलाइन और तेल व गैस प्रोजेक्ट के बारे में धर्मेंद्र प्रधान के साथ विचार-विमर्श किया था।

    धर्मेंद्र प्रधान ने नेपाली गृह मंत्री से भी द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की साथ ही नेपाल के अन्य मंत्रियों के साथ शिक्षा, तकनीक, विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में सहयोग जैसे मसलों पर वार्ता की।

    धर्मेंद्र प्रधान ने नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के भी दर्शन किये और शाम की वंदना भी की। भारत वापसी से पहले पेट्रोलियम मंत्री पाइपलाइन के कार्य की प्रगति का जायजा लेने के लिए अमलेखगंज भी गए।

    भारत के लिए पिछली गलतियों से सबक लेकर नेपाल के साथ रिश्ते का एक नया अध्याय शुरू करने का सुनहरा अवसर होगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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