नेपाल में भारतीय दूतावास में बुधवार को नेपाल के सराहनीय छात्रों को 200 गोल्डन जुबली स्कॉलरशिप से सम्मानित किया गया। यह छात्रों को विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटी ने स्नातक कोर्सेज में शिक्षा जारी रखने के लिए दी गयी है।
आल इंडिया रेडियो के मुताबिक काठमांडू में छात्रों को सर्टिफिकेट वितरित करते हुए नेपाल के शिक्षा सचिव खागा राज बराल ने कहा कि “नेपाल में शिक्षा के विकास के लिए भारत मूल्यवान सहायता करता रहा है।”
उन्होंने कहा कि “भारत सरकार की स्कॉलरशिप्स से नेपाली छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में उम्दा प्रदर्शन किया है और साथ ही भारत ने नेपाल में मानव संसाधन विकास में भी मदद की है।” काठमांडू में भारतीय उच्चायुक्त मंजीव सिंह पूरी ने छात्रों को व्यक्तिगत और पेशेवर जरूरतों को हासिल करने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि “वह नेपाल के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देते रहेंगे और नेपाल-भारत के सम्बन्ध मज़बूत व गहरे करते रहेंगे।”
इस साल स्कॉलरशिप में 36 स्नातक कार्यक्रम शामिल है , इसमें एमबीबीएस, बीडीई, बीई, बीएससी, बीबीए और बीकॉम व अन्य शामिल है। छात्रों को नेपाल के 50 जिलों से शॉर्टलिस्ट किया गया था। इसमें 45 प्रतिशत छात्राएं थी और सात प्रतिशत दिव्यांग छात्र थे।
भारत सरकार ने प्रतिष्ठित गोल्डन जुबली स्कॉलरशिप स्कीम साल 2002 में शुरू की थी। यह भारत नेपाल सम्बन्ध के आर्थिक सहयोग के 50 वर्ष पूरे होने का प्रतिक है। इस स्कीम के तहत एमबीबीएस/बीडीएस छात्रों को पांच सालों तक प्रतिमाह 4000 नेपाली रूपए दिए जायेंगे।
नेपाल के 77 जिलों से 2350 नेपाली छात्रों से अधिक को गोल्डन जुबली स्कॉलरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया है। भारत सरकार मेडिकल, साइंस, वेटेरिनरी साइंसेज, फार्माकोलॉजी, डेंटल साइंस, कृषि, इंजीनियरिंग, आर्ट्स, कॉमर्स, विज्ञान, कंप्यूटर साइंस, नर्सिंग व अन्य में भारत और नेपाल के कॉलेजो और यूनिवर्सिटी में पढाई के लिए 3000 स्कॉलरशिप मुहैया करते हैं।
यह स्कॉलरशिप भारत द्वारा नेपाल में मानव संसाधन विकास के प्रयासों का एक भाग है। ताकि नेपाली देश और जनता का सम्पूर्ण आर्थिक और सामाजिक विकास हो सके।