‘भारत नेट’ (bharat net project) नेशनल ऑप्टिकल फ़ाइबर नेटवर्क (NOFN) का ही नया नाम है। इस परियोजना को वर्ष 2011 में तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा लॉंच लिया गया था। इसके तहत देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी द्वारा इंटरनेट से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्ष 2015 में एनडीए की सरकार ने इस योजना का नाम बदल कर ‘भारत नेट योजना’ कर दिया था।
क्या है योजना का मकसद?
इस योजना के तहत मार्च 2019 तक सरकार देश भर के ग्रामीण इलाकों 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड नेटवर्क के साथ जोड़ देगी। इसके तहत सभी पंचायतों को 100 एमबीपीएस तक की इंटरनेट स्पीड देने की योजना है।
इसी के साथ 1.5 लाख अतिरिक्त ग्राम पंचायतों में भी ऑप्टिकल फ़ाइबर द्वारा इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाना है। इस योजना का कुल दायरा 10 लाख किलोमीटर का है। इस योजना के तहत जुड़े टेलीकॉम ऑपरेटर भी मिलने वाली इंटरनेट बेंड्विड्थ को 75 प्रतिशत कम दामों में मुहैया कराएंगे।
इस योजना का मुख्य मकसद ग्रामीण आँचल के इलाकों में बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक घर तक इंटरनेट की सुविधा को पहुँचाना है। इसके तहत जरूरत के अनुसार 2 से 20 एमबीपीएस तक की स्पीड मुहैया कराई जाएगी।
अमल में कैसी आएगी यह योजना?
इस योजना को जमीन तक पहुंचाने के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया का सहारा लिया जा रहा है। इसके लिए दो चरण निर्धारित किए गए थे, जिसमे पहले चरण की समय सीमा दिसंबर 2017 तक ही थी, वहीं दूसरे और अंतिम चरण की सीमा 31 मार्च 2019 तक की है।
पहले चरण में 1 लाख ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फ़ाइबर द्वारा इंटरनेट की सुविधा मुहैया करवा दी गयी है। इसी के साथ अर्ध-ग्रामीण इलाकों में 15 हज़ार इंटरनेट हॉटस्पॉट की स्थापना की गयी है, जबकि ग्रामीण इलाकों में 11 हज़ार हॉटस्पॉट की स्थापना की गयी है। वहीं इनकी संख्या को आगे बढ़ाते हुए कुल 38 हज़ार इंटरनेट हॉटस्पॉट स्थापित किए गए हैं।
दूसरे यानी अंतिम चरण के लिए केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों व सेवा प्रदाताओं के साथ अनुबंध कर लिया है। असम, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, सिक्किम और पश्चिम बंगाल में इस काम का जिम्मा बीएसएनएल को सौपा गया है, जबकि कुछ राज्यों के लिए एयरटेल, जियो व वोडाफोन-आइडिया जैसी कंपनियों को इस काम की ज़िम्मेदारी सौपी गयी है। कुछ राज्यों को केंद्र ने इस काम पूरी ज़िम्मेदारी ही सौंप दी है।
क्या हैं इस योजना के लाभ?
इस योजना के तहत देश की सभी ग्राम पंचायतें इंटरनेट की सुविधा से लैस हो जाएंगी। जिससे ग्रामीण आँचल में भी इंटरनेट के उपयोग में बढ़ोतरी होगी। इसके चलते केंद्र की महत्वाकांक्षी परियोजना डिजिटल इंडिया को भी इससे लाभ मिलेगा।