पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा कि भारत दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय स्थिरता को खतरनाक हथियारों के इस्तेमाल से चुनौती दे रहा है। उन्होंने कहा पाकिस्तान सेना की अपनी सरजमीं के संरक्षण की क्षमता और सम्प्रभुता के संरक्षण पर किसी को भी संदेह नहीं हैं।
तहरीक-ए-इन्साफ के संस्थापकों में से एक और पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा परमाणु तकनीक से लैस देश अन्य राष्ट्रों को परमाणु तकनीक और सैन्य तकनीक पड़ोसी मुल्कों को भेजकर क्षेत्रीय स्थिरता के लिए मुश्किल हालात पैदा कर रहा है।
आरिफ अल्वी ने कहा कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता को बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इस जिम्मेदारी का बखूबी निर्वाह करेगा। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक जैसे हथकंडों के परिणाम की जिम्मेदारी उठानी होगी। उन्होंने कहा कि यह शुभ संकेत है कि पाकिस्तान और भारत क्षेत्रीय स्थिरता की तस्वीर को बनाने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहे है।
आरिफ अल्वी ने कहा कि पाकिस्तान सदैव दक्षिण एशिया को परमाणु हथियारों से मुक्त करने के लिए अग्रणी रहा है। पाकिस्तान के परमाणु अप्रसार का प्रस्ताव उपयुक्त दस्तावेजों से पूर्ण है।
भारत पर निशाना साधते हुए पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि साल 1998 में भारत के परमाणु परिक्षण ने दक्षिण एशिया को परमाणु मुक्त क्षेत्र बनने से रोक दिया था। उन्होंने कहा पाकिस्तान ने भारत के साथ तर्कसंगत रिश्तों को नहीं छोड़ा है। उन्होंने कहा दोनों मुल्कों को हथियारों में लागत कम करके गरीबों की बेहतरी के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।
पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के बाबत पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने बताया कि यह नागरिकों के हित में है। उन्होंने कहा पाकिस्तान इस कार्यक्रम का समापन शांतिपूर्ण ढंग से करेगा।
आरिफ अल्वी ने कहा कि पाकिस्तान ने परमाणु निर्यातक समूह की सदस्यता के लिए आवेदन किया है और परमाणु अप्रसार में सहयोग और निरंतर प्रयास करता रहेगा। उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर में विवादों के सुलझने से वैश्विक शान्ति पनपेगी।
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने साइबर तकनीक और ड्रोन जैसे खतरनाक हथियार के विकास से दुनिया में एक और खतरे का आगमन हो सकता है।