भारत और तुर्की ने बुधवार को आर्थिक संबंधों को मज़बूत करने का संकल्प लिया था। दोनों पक्षों का मकसद साल 2020 तक द्विपक्षीय कारोबार को 10 अरब डॉलर तक पंहुचाना है। तुर्की के उप विदेश मंत्री सदात ऑनल 7 मई से तीन दिनों की भारत यात्रा पर है।
तुर्की के उपविदेश मंत्री की यात्रा
भारत में तुर्की के नेता ने इंस्टीटूशनल मैकेनिज्म ऑफ़ फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन के पश्चिमी सचिव गीतेश ए शर्मा से मुलाकात की थी। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि “उपविदेश मंत्री और पश्चिमी सचिव ने द्विपक्षीय मुद्दों के विभिन्न पहलुओं पर सौहार्दपूर्ण चर्चा की थी।
इस वार्ता में उन्होंने व्यापार के विस्तार के अवसरों और निवेश संबंधों की समीक्षा की थी। मौजूदा वक्त में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 8.6 अरब डॉलर है और साल 2020 तक यह आंकड़ा 10 अरब डॉलर तक पंहुच जायेगा। अन्य पहलुओं मसलन, सांस्कृतिक विस्तार का जुड़ाव, पर्यटन, जनता से जनता का संपर्क पर भी चर्चा की गयी थी।
बहुपक्षीय मसलो पर वार्ता
भारत और तुर्की ने अपने क्षेत्रों की मौजूदा हालातो की भी समीक्षा की थी और साथ की कई बहुपक्षीय मसलो पर अपने विचारो का आदान-प्रदान किया था। उपविदेश मंत्री की यात्रा दोनों देशों के बीच नियमित विचारो के आदान-प्रदान का भाग है।
मई 2017 में तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैयब एर्डोगन ने भारत की यात्रा की थी उस दौरान भी उपविदेश मंत्री उनके प्रतिनिधि समूह में शामिल थे।
विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, भारत और तुर्की करीबी, मैत्रीपूर्ण,कई सदियों से चले आ रहे मज़बूत सम्बन्धो और साझा सभ्यता जुड़ाव का आनंद उठा रहे हैं। हालिया राजनीतिक विचार-विमर्श द्विपक्षीय संबंधों को गति देने से सम्बंधित है और यह सहयोग के कई नए आयामों के द्वार खोलेगा।