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    वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट

    हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारतीय डायस्पोरा (समुदाय) दुनिया का सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है। इसके अनुसार भारत के लोग विदेशो में सबसे ज्यादा रहते है। भारतीय समुदाय के 15.6 मिलियन से अधिक भारतीय लोग विदेशों में रहते है।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2015 में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या 243 मिलियन होने का अनुमान लगाया गया था। भारतीय समुदाय का गठन लगभग 6 प्रतिशत है। भारत के बाद मैक्सिको दूसरे नंबर पर आता है जिसके लोग विदेशों में ज्यादा रहते है।

    दरअसल संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन द्वारा प्रकाशित वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट (2018) के अनुसार डायस्पोरा का विकास स्थिर रहा है। साल 2010 से 2015 के बीच डायस्पोरा का विकास 3.2% से लेकर 3.3% तक है।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2015 में दुनिया भर के सभी अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों में से आधे एशिया में पैदा हुए थे। मुख्य रूप से भारत, चीन और अन्य दक्षिणी एशियाई देशों से इनका स्तर ज्यादा रहा है।

    प्रवासियों को संरक्षित करने की आवश्यकता

    गौरतलब है कि इससे पहले जब साल 2016 में प्रवासी रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी तो संयुक्त राष्ट्र के उप-सचिव-जनरल जान एलियासन ने कहा था कि प्रवासियों को संरक्षित करने की आवश्यकता है। एलियासन ने कहा था कि हमें हजारों-लाखों प्रवासियों के जीवन की सुरक्षा के लिए अधिक जिम्मेदारी लेने की जरूरत है।

    पुरुषों, महिलाओं और बच्चें कई बार खतरनाक यात्राएं करने को मजबूर होते है इसलिए हमें प्रवासियों के हितों पर भी ध्यान देना चाहिए। गौरतलब है कि साल 2015 में दुनिया में प्रवासियों के लिए अमेरिका शीर्ष गंतव्य स्थान रहा था जिसमें 46.6 मिलियन प्रवासियों ने उस वर्ष अमेरिका में प्रवेश किया।

    इस बार भी अमेरिका में प्रवासियों के लिए शीर्ष स्थान रहता है। हालांकि अब डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन की वहां सरकार है इसलिए ट्रम्प की नीतियों की वजह से प्रवासियों की संख्या में कमी आ सकती है।