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    भारत को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स (वैश्विक लिंग अंतर सूचकांक)2020 में दुनिया भर के 153 देशों के बीच 112वां स्थान मिला है। पड़ोसी बांग्लादेश को 50वां स्थान मिला है और दक्षिण एशिया क्षेत्र में सबसे आगे है।

    2018 व 2017 में भारत को जेंडर गैप इंडेक्स में 108वां स्थान मिला था।

    ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2020 मंगलवार को जारी किया गया। आईसलैंड सबसे बेहतर देश है, जहां कोई लिंग आधारित भेदभाव नहीं है। इसके बाद नार्वे, फिनलैंड, स्वीडेन व निकारगुआ है।

    रिपोर्ट में कहा गया, “आइसलैंड एक फिर सबसे ज्यादा लिंग समानता वाला देश है, वह 11वीं बार इस स्थान पर बना हुआ है।”

    2006 से ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स चार प्रमुख आयामों-आर्थिक भागीदारी और अवसर, शैक्षिक उपलब्धि, स्वास्थ्य और जीवन रक्षा, और राजनीतिक सशक्तीकरण को लेकर लिंग आधारित अंतर की सीमा को माप रहे हैं और इसकी प्रगति को ट्रैक कर रहे हैं।

    रिपोर्ट के इस वर्ष के संस्करण में 153 देश शामिल हैं और इसमें देशों को रैंकिंग दी गई है, जो उन्हें क्षेत्रीय देशों से अपनी प्रभावी तुलना की अनुमति देता है।

    रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया क्षेत्र अपने लिंग अंतर में दो तिहाई के करीब है। अगर बीते 15 सालों की प्रगति की दर जारी रही तो लिंग अंतर को भरने में 71 साल लगेंगे।

    रिपोर्ट में कहा गया, “हालांकि, कुल प्रदर्शन के विपरीत, इस वर्ष क्षेत्र की आर्थिक भागीदारी और अवसर की खाई बढ़ी है।”

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