Wed. Nov 6th, 2024
    भारत ने आईटी सेक्टर में श्रीलंका को दिया ग्रांट

    भारत ने श्रीलंका के जाफना में सूचना प्रौद्योगिकी इन्क्यूबेटर को स्थापना के लिए 25 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की है। भारतीय उच्चायुक्त कहा कि “यह परियोजना श्रीलंकाई सरकार के साथ भारत सरकार के निरंतर प्रयासों का भाग है, जिसमे जनता के लिए विकास परियोजनाओं में हमारा सहयोग और सहायता शामिल है।”

    उन्होंने कहा कि “यह व्यापार केंद्र अवसरों को मुहैया करेगा और इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के लिए वातावरण को सक्रीय करेगा और उत्तरी क्षेत्र में अन्य प्रोफेशनल सर्विसेज के लिए बेहतर बनेगा।

    इस वित्तीय सहायता पर हस्ताक्षर श्रीलंका में नियुक्त भारतीय उच्चायुक्त तरनजीत सिंह संधू और डेवलपमेंट स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल ट्रेड के सचिव एसटी कोडिकारा ने किये थे। भारत ने देश में पैरामेडिक एम्बुलेंस सर्विस को लागू करने के लिए ग्रांट भी दिया है, जो लौटाने की जरुरत नहीं होती है।

    भारत ने तीन अरब डॉलर की रकम देने का वादा किया है, जिसमे 56 करोड़ डॉलर ग्रांट है। हाल ही में श्रीलंका में भारतीय सहायता से निर्मित दो स्कूलों को भारत ने जनता को सुपुर्द कर दिया है।

    यह इमारते न्यू क्लास रूम बिल्डिंग के तहत बनायीं गयी है, उत्तरी प्रांत में 27 स्कूलों के निर्माण में 25 करोड़ श्रीलंकन मुद्रा की लागत आई थी। 10 स्कूल की इमारत का काम पूरा हो चुका है और इनका उद्धघाटन भी हो गया है। शेष इमारतों को आगामी दिनों में सौंपने की उम्मीद है।

    उत्तरी प्रांत सहित आठ प्रान्तों में 1990 आपातकाल एम्बुलेंस सर्विस है। उत्तरी प्रांत में भारत सरकार की सहायता से जारी परियोजनाओं में जाफना में सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण, 3000 जल संरक्षण इकाई का निर्माण, 25 आधुनिक गाँवों के निर्माण में 600 मकान और जाफना में बिज़नेस इनक्यूबेटर सेंटर शामिल है।

    भारत सरकार द्वारा जनता के लिए विकास सहयोग परियोजनाओं के बाबत भी बताया था। इस क्षेत्र में भारत सरकार अभी 46000 घरों का निर्माण करवा रही है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *