भारत में जापान के राजदूत केंजी हिरामात्सु ने कहा कि “इंडो पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता, शान्ति और समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए भारत और जापान करीबी से एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं। जापान के लिए भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। इंडो-पैसिफिक पर संबंधो को स्थिर और शांतिपूर्ण बनाने के लिए हम काफी करीबी से कार्य कर रहे हैं।”
इतिहास में सबसे बेहतर सम्बन्ध
उन्होंने कहा कि “हम मसलन विभिन्न कनेक्टिविटी परियोजनाओं, न सिर्फ भारत में बल्कि पड़ोसी मुल्को में भी बनाने पर कार्य कर रहे हैं। यह एक बेहद महत्वपूर्ण साझेदारी है।” हाल ही में आसियान के 10 सदस्य देशों ने अधिकारिक तौर पर “आउटलुक ऑफ़ द इंडो पैसिफिक” को एक वर्ष की वार्ता के बाद अपनाया था। इस पहल का जापान, भारत, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया ने स्वागत किया था।
जी-20 सम्मेलन के इतर भारत, जापान और अमेरिका ने कनेक्टिविटी, संरचना और शान्ति के विस्तार के लिए त्रिकोणीय मुलाकात की थी। दोनों देशों ने चाँद पर पाने ढूँढने की दौड़ को एकसाथ शुरू करने का निर्णय लिया था।
प्रवक्ता ने कहा कि “दोनों देश साल 2023 तक चाँद के दक्षिणी ध्रुव तक मानव रहित रोवर को लैंड करवाने की योजना बना रहे हैं।” भारत और जापान के संबंधों के बाबत राजदूत ने कहा कि “मेरे ख्याल से इतिहास में सबसे बेहतर है। हमारे संबंधों का अर्थव्यवस्था, निवेश, रक्षा, सुरक्षा और जन संपर्क जैसे विभिन्न क्षेत्रो में विस्तार हुआ है। हमारे बीच इस प्रकार की मज़बूत तरक्की को देखकर मैं बेहद खुश हूँ।”
उन्होंने कहा कि “दोनों देशों के बीच तकनीकी नवीनीकरण एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। हम कई विभागों में एकजुट होकर कार्य कर सकते हैं इसमें आईटी भी शामिल है। मैं अत्यंत काबिलियत को देख सकता हूँ।”