ग्रांट असिस्टेंस फॉर ग्रासरूट प्रोजेक्ट्स के तहत दो परियोजनाओं पर भारत और जापान के बीच हस्ताक्षर हुए हैं। इसमें एक प्रोजेक्ट हुडा एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी ने 7.3 मिलियन येन की लागत से वंचित बच्चों के लिए स्कूल कम वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर का है और दूसरा, इलाहबाद के विष्णु भगवान पब्लिक स्कूल हॉस्टल बिल्डिंग के रूफटॉप पर सोलर पीवी प्लांट के लिए ‘उतथान’ द्वारा निर्माण के प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
एक समारोह में भारत में नियुक्त जापान के राजदूत केंजी हीरामत्सु और सम्बंधित प्रतिनिधि संघठनो ने इस परियोजनाओं के दस्तावेजों पर दस्तखत किये थे। राजदूत हीरामत्सु ने कहा कि “यह मदद जनता के रहन में सुधार के लिए काफी मददगार होगी। साथ ही भारत और जापान के मध्य मैत्री रिश्तो और सहयोग को अधिक मजबूत करेगी।”
उन्होने कहा कि “इस मदद का इस्तेमाल वंचित लोगों की जिंदगियों और समाज की सहायता के लिए होगी। जापान किसी को पीछे न छोड़ने पर यकीन करता है, क्योंकि हम जानते हैं की हाशिये पर रहने वालो को सबसे अधिक सहायता की जरुरत होती है।”
भारत जापान की जीजीपी स्कीम का सबसे बड़े लाभार्थी हैं। इसके तहत जापानी सरकार स्कूल मुहैया करती है, स्वास्थ्य सुविधाओं, उपकरणों और अन्य सुविधाओं के लिए भारत के विभिन्न संगठनों को मदद करती है। शिक्षा की जरुरत पर जोर देते हुए राजदूत ने कहा कि “अगर सभी बच्चे भारत में स्कूल जाने लगेंगे और सीखने का लुत्फ़ को महसूस करेंगे तो देश आर्थिक और सामाजिक स्तर पर आगे बढ़ेगा।”
उन्होंने कहा कि “शिक्षा वंचित छात्रों को बेहतर रोजगार मुहैया कराने का अवसर मुहैया करेगा और बेहतर भविष्य की उम्मीद बांधेगा।” राजदूत ने कहा कि “मैं इस प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर कर आभार व्यक्त करता हूँ क्योंकि इससे अधिक वंचित बच्चों को बेहतर शिक्षा का माहौल मिलेगा। साथ ही उन्हें भविष्य में रोजगार के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी।