भारत और जापान ने हाल ही में आर्थिक और विदेशी निवेश से सम्बंधित कई समझौते किये थे। चीन ने अब भारत की एशिया-अफ्रीका विकास मार्ग पर सवाल उठाते हुए इसे अपने वन बेल्ट वन रोड़ से तुलना की है।
चीन ने कहा है कि भारत और जापान से बढ़ते रिश्तों से चीन को कई मामलों में खतरा है। सबसे पहले भारत और जापान दोनों को सीमा के मामलों में चीन से परेशानी है। भारत को अरुणाचल और सिक्किम के छेत्र में वहीँ जापान को दक्षिण चीन सागर में चीन का सामना करना पड़ता है।
चीन को डर है कि इससे दोनों देश मिलकर चीन को दो ओर से घेर सकते हैं। चीन ने कहा है कि भारत को चीन की दक्षिणी एशिया और हिन्द महासागर में बढ़ती उपस्थिति से खतरा है, इस कारण से भारत ने जापान और ऑस्ट्रेलिया से रिश्ते मजबूत किये हैं।
इसके अलावा भारत और जापान ने मिलकर हाल ही में एशिया-अफ्रीका विकास मार्ग के मुद्दे पर भी काम शुरू किया है। इसके जरिये दोनों देश पूर्वी अफ्रीका के कई देशों में विकास कार्यों में भागीदारी देंगे। अफ्रीका को भविष्य में विकास के मामले में सबसे आगे माना जा रहा है। अफ्रीका में कई देश ऐसे हैं जो लगातार 10 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी से विकास कर रहे हैं।
ऐसे में विश्व की बड़ी शक्तियां इसका फायदा उठाना चाहती हैं। सबसे पहले चीन ने अपने वन बेल्ट वन रोड़ योजना के जरिये अफ्रीका के कई देशों को अपने से जोड़ा है। चीन ने पाकिस्तान की मदद से पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर ली है। यहाँ से चीन आसानी से पूर्वी अफ्रीका में अपनी पैठ जमा सकता है।
भारत और जापान ने इसके बदले एशिया-अफ्रीका विकास मार्ग को शुरू करने की योजना बनायी है। इसके जरिये दोनों देश मिलकर अफ्रीका के कई देशों में भरी निवेश कर सकते हैं। दरअसल अफ्रीका के कई देश जैसे नाइजीरिया, ईथोपिआ और कांगो जैसे देश बड़ी तेजी से विकास कर रहे। ऐस में यदि यहाँ विदेशी निवेश में बढ़ौतरी की जाए, तो दोनों पक्षों को फायदा हो सकता है।
चीन ने इसके लिए अपनी ओर से तैयारी शुरू कर दी हैं। चीन ने चिकित्सा के छेत्र में अफ्रीका में भरी निवेश करना शुरू कर दिया है। इसके बावजुद भारत चिकित्सा के छेत्र में अफ्रीका में पहले स्थान पर है। भारत में बनी हुई सस्ती और असरदार दवाइयों से हर रोज हज़ारों लोगों को स्वस्थ किया जा रहा है। चिकित्सा के छेत्र में भारी अवसर देखते हुए चीन ने भी अपनी ओर से कोशिशें शुरू कर दी है।
चिकित्सा के अलावा भी अफ्रीका में विकास कार्य, इमारतें, रोड़ और बहुत से ऐसे काम हैं, जिनमे अच्छा काम करने की जरूरत है। इसी कारण से भारत, जापान और चीन यहाँ मौके का फायदा उठाना चाहते हैं। एशिया-अफ्रीका विकास मार्ग के जरिये भारत मुंबई को सीधे अफ्रीका से जोड़ देगा। ऐसे में कई मामलों में मुंबई व्यापर का केंद्र बन जाएगा। मुंबई के अलावा कोलकाता और चेन्नई को भी विभिन्न विकास मार्गों से जोड़ा जाने पर काम किया जा रहा है।