भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी हाल ही में दो दिवसीय यात्रा पर जापान गए थे। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने साझा बयान दिया कि पाकिस्तान को मुंबई हमले के पीड़ितों और पठानकोट आतंकी हमले में पीड़ितों को न्याय दिलवाना चाहिए।
जापान की अधिकारिक यात्रा के दौरान पीएम मोदी और शिंजो आबे ने आतंकवाद से बढ़ते खतरे के बारे में बताया था। जापान में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के बाद साझा बयान के मुताबिक दोनों राष्ट्रों के प्रमुखों ने कहा कि साल 2008 में हुए मुंबई हमले और साल 2016 में पठानकोट आतंकी हमले में पाकिस्तान को पीड़ितों को न्याय दिलवाना चाहिए।
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को कराची से मुबई इस हमले को अंजाम देने के लिए भेजा गया था। इस आतंकी हमले के दौरान 166 लोगों की मौत हुई थी जबकि 300 लोग घायल हुए थे। मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और आतंकी समूह जमात उद दावा का प्रमुख हाफिज सईद पाकिस्तान में खुले आम घूम रहा है और न्याय की मांग कर रहा है। भारत हाफिज सईद की आज़ादीसे चिंतित है कही वो ऐसे हमलो को दोबारा अंजाम न दे।
भारत सदैव पाकिस्तान की सेना पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाता रहा है। पाकिस्तान की आर्मी ने भारतीय वायु सेना के पठानकोट बेस पर दो से चार बार आतंकी हमले करवाएं हैं। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश-ए मोहम्मद से छह आतंकी सीमा पार कर भारत में दाखिल हुए और सात सुरक्षा कर्मियों को और एक नागरिक को मार डाला था।
जारी बयान के मुताबिक दोनों राष्ट्र आतंकी समूहों के खिलाफ सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी देशों को आतंकियों को सुरक्षित ठिकानों और ढांचों से खदेड़ देना चहिये। आतंकियों के आर्थिक और सीमा पार आतंकवाद के चैनलों को बर्बाद कर देना चाहिए।
बयान के अनुसार सभी देशों को यह सुनुश्चित करना चाहिए कि उनकी सरजमीं का प्रयोग की आतंकी गतिविधि के लिए न हो। उन्होंने कहा कि हिंसा और आतंकवाद से निपटने के लिए मज़बूत अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी की जरुरत है। पीएम मोदी और पीएम आबे ने पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रतिबद्धता को दोहराया था।