प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांचवी ईस्ट इकनोमिक फोरम के शिखर सम्मेलन के इतर जापानी समकक्षी शिंजो आबे से मुलाकात की थी। भारत और जापान के साझा द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की थी। वार्षिक सम्मेलन के लिए जापानी पीएम की यात्रा का ऐलान इस दौरान किया गया था। यह यात्रा दिसंबर में किसी भी वक्त हो सकती है।
दोनो नेताओं की मुलकात के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि वार्षिक सम्मेलन की तारीख वार्ता के बाद तय की जाएगी और इसका ऐलान कर दिया जाएगा। बैठक के दौरान गोखले ने कहा कि दोनो नेताओं ने पहली 2+2 मंत्रीय वार्ता के आयोजन पर सहमति व्यक्त की हैं।
उन्होंने कहा कि उस वार्षिक सम्मेलन से पूर्व दोनो देशों के रक्षा मंत्रियो और विदेश मंत्रियों के बीच मुलाकात होगी। हाल ही में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जापान की यात्रा की थी। उन्होंने बताया कि इस मुलाकात के दौरान रक्षा के क्षेत्र में दोनो देशो के संबंधों को आगे बढ़ाने को लेकर व्यापक चर्चा की थी।
विदेश सचिव ने कहा कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर चर्चा हुई थी और दोनो ही नेताओं ने भारत जापान और अमेरिका की त्रिकोणीय बैठक का सकारात्मक मूल्यांकन दिया था। बीते साल बेनोस में जी 20 की बैठक और इस वर्ष जापान के ओसाका में त्रिकोणीय बैठक का आयोजन हुआ था।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने इंडो पैसिफिक पर भी चर्चा की थी जिसमे दोनो ने समान विचारों को साझा किया था। इस बैठक के दौरान एक महत्वपूर्ण मुद्दे अफ्रीका पर भी बातचीत हुई थी।
भारत और जापान ने अफ्रीकी देशों में त्रिकोणीय सहयोग को करना शुरू कर दिया है। आबे ने विशेष तौर पर कहा है कि भारत की यात्रा के दौरान वह इस मामले के संदर्भ में ज्यादा चर्चा करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को उत्पाद और सेवा दोनो में कुछ व्यापारिक मसले है और जब क्षेत्रीय समझौता बनाया जाए तो इस बात को दिमाग मे रखा जाए। तीन महीनों के अंतराल में यह मोदी और आबे के बीच तीसरी मुलकात है। दोनो नेताओं ने अगस्त में जी 7 के शिखर सम्मेलन में भी मुलकात की थी।