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    भारत में जापानी निवेश

    राजस्थान के बाद अब ओडिशा सरकार ने जापानी निवेशकों को लुभाने के लिए भुवनेश्वर के पास 600 एकड़ जमीन की पहचान कर ली है। दरअसल सरकार चाहती है कि इस 600 एकड़ जमीन पर जापानी निवेशक अपने मल्टी प्रो​डक्टिव शॉप्स ​स्थापित करें।

    ओडिशा सरकार के प्रमुख सचिव (उद्योग) संजीव चोपड़ा का कहना है कि राज्य सरकार का प्रस्ताव है कि जापानी कंपनियां इस 600 एकड़ जमीन को मल्टी-प्रोडक्ट पार्क के रूप में विकसित करें। ऐसे में जापानी कंपनियां यहां आकर अपनी इकाइयां स्थापित कर सकती हैं।
    चोपड़ा ने कहा कि हालिया जापान यात्रा के दौरान हमने जापानी कं​पनियों को अपनी उद्योग नीतियों तथा निवेशकों को दी जाने वाली प्रोत्साहन सुविधाओं से भलीभांति अवगत कराया था।

    ओडिशा सरकार राज्य में निवेश करने वाली उन सभी जापानी कंपनियों को सुविधा और सहायता के लिए पूरी तरह से तैयार है।
    आपको जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय उद्योग परिसंघ उद्योग संगठन (सीआईआई) के साथ ओडिशा के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले हफ्ते जापान का दौरा किया तथा टोक्यो और ओसाका में रोडशो का आयोजन भी किया था।

    आपको बता दें कि इस प्रतिनिधि मंडल ने 50-60 अरब डॉलर के टर्नओवर वाली टॉप जापानी कॉर्पोरेशन से मुलाकात भी की थी। चोपड़ा ने उन जापानी कंपनियों का नाम बताने से अभी इनकार कर दिया है जिनके साथ ओडिशा में निवेश करने के लिए बात की गई है। हांलाकि जापान की निसिन फूडस की सहायक कंपनी इंडो निसिन फूड के अलावा अभी तक ओडिशा में किसी जापानी कंपनी के ​निवेश की आस नहीं जगी है। गौरतलब है कि जनवरी 2014 में भुवनेश्वर के बाहरी इलाके खुर्दा फूड पार्क में इंडो निसिन ने करीब 100 करोड़ रुपए का निवेश किया था।

    राजस्थान सरकार ने भी जापानी फर्मों के लिए करीब 1,100 एकड़ जमीन निर्धारित की है। जिसमें टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन, हिताची और डाइकिन इंडस्ट्रीज जैसे जापानी फर्म निर्बाध विद्युत आपूर्ति जैसी अन्य सुविधाओं के साथ अपने बिजनेस को एक नया आयाम दे रहे हैं।
    साल 2016 के आंकड़ों के अनुसार जापान 14.5 अरब डॉलर मूल्य के दो तरफा व्यापार के साथ भारत का 10वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा है। साल 2016 में जापान ने एफडीआई के तहत भारत में 3.5 अरब डॉलर का निवेश किया था।