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भारत चीन सम्बन्ध

चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश से सटी अपनी सीमा में सोने की खान ढूँढने का दावा किया हैं और इस खान में सोना, चांदी और अन्य धातुओं के होने की बात कही हैं, जिनकी कीमत तक़रीबन 60 बीलियन डॉलर बताई जा रही हैं।

हांगकांग से प्रकशित होने वाले दैनिक साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट में चीन की इस खान की बात कही गयी हैं, इस खुदाई के संबंध में चीनी सरकार से कई भी आधिकारिक वक्तव्य नहीं दिया गया हैं। साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट के अनुसार भारतीय सीमा के समीप, चीन के नियंत्रण वाले ल्हुन्ज़े प्रान्त में यह खान हैं।

चीनी महत्वकांक्षा

भारत चीन सम्बन्ध के जानकार मानते हैं, की चीन का यह कदम दक्षिणी तिब्बत पर अपना हिस्सा ज़माने के हेतु से उठाया गया हैं।

आपको बतादे, चीन भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता हैं, जिसपर चीन ने दलाई लामा के भारत में शरण लेने के बाद कब्ज़ा कर लिया था। चीन, अरुणाचल प्रदेश को भारतीय नियंत्रण वाला दक्षिण तिब्बत मानता हैं और उसपर चीन का हिस्सा लोने का दावा करता हैं, जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच कई बार मतभेद हो चुके हैं।

खनिज संपन्न तिब्बत में चीन बुनियादी ढांचे के विकास पर अपना ध्यान केन्द्रित किये हुए हैं, प्रदेश में बेहतर यातायात के सुविध होने से चीन के सेना आसानी से भारत से सटे सीमा क्षेत्र तक पहुँच सकती हैं, जिसके कारन भारत चिंतित हैं। भारत द्वारा प्रकट की गयी चिंताओं को दरकिनार करते हुए चीनी सरकार प्रदेश में काम कर रही हैं।

चीन के इस आक्रामक रवय्ये के चलते भारत-चीन सीमा क्षेत्र में दक्षिण चीन जैसी तनावपूर्ण परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती है, ऐसा कई विशेषज्ञ मानते हैं।

आपको बतादे, पिछले वर्ष 73 दिनों तक चले डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हो गयी थी, जिसका समाधान दोनों देशों के बीच हुए संवाद से निकला था, जिसके अनुसार दोनों देशों सेनाएं वापिस लौट गयी थी। इस सीमा विवाद के बाद भारत चीन के संबध तनावपूर्ण हो गए थे।

दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास कम करने के हेतु से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अनौपचारिक वार्ता के लिए आमंत्रित किया था। इस अनौपचारिक वार्ता में दोनों नेताओं ने आपसी विवादों को कम कम की बात कही थी।

By प्रशांत पंद्री

प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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