भारत (India) और चीन (China) कूटनीतिक संबंधों के 70 वीं वर्षगाँठ पर 70 कार्यक्रम का आयोजन करेंगे और 35 एक देश करेगा। यह सूचना विदेश सचिव विजय गोखले ने साझा की है। इसका निर्णय नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एससीओ की बैठक के इतर मुलाकात के दौरान लिया था।
गोखले ने पत्रकारों से कहा कि “प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव दिया कि इस तरीके से यादगार बनाने की जरुरत है कि यह हमारी 70 वीं सालगिरह पर नए संबंधों को प्रदर्शित करे। उन्होंने कहा कि भारत और चीन को 70 कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए, जिसमे भारत और चीन क्रमश 35-35 कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे।”
उन्होंने कहा कि “दोनों नेताओं ने क्रमश अपने विदेश मंत्रियों को जिम्मेमदारी सौंप दी है कि वह दूसरी उच्च स्तरीय बैठक में इस बात पर भी चर्चा कर ले।” नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग इस वर्ष के अंत में भारत के अनौपचारिक बैठक करेंगे जो बीते वर्ष चीन के वुहान शहर में हुई थी।
बहरहाल, गोखले ने कहा कि “इस सम्मेलन के लिए तारीख और स्थान का चयन करना अभी शेष है।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह स्थान पीएम मोदी का गृहराज्य गुजरात हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि “पाकिस्तान को आतंक मुक्त माहौल के निर्माण करने की जरुरत है और इस विपत्ति के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए लेकिन इस्लामाबाद ऐसा करता नहीं दिख रहा है।”
बीते वर्ष अप्रैल में चीन के शहर वुहान में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच अनौपचारिक द्विपक्षीय वार्ता का आयोजन किया गया था। इस माह के अंत में जापान में आयोजित जी 20 के समारोह के इतर भारत, रूस और चीन त्रिपक्षीय मुलाकात का आयोजन करेंगे। इस जानकारी का खुलासा एससीओ बैठक में नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के दौरान किया गया था।
एससीओ सम्मेलन के इतर पीएम मोदी ने राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की थी और उनसे वादा किया कि अफगानिस्तान के सभी उम्मीदों को भारत पूरा करेगा।