भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि “भारत चीन और यूरोप के पीछे नहीं जा सकता है और उसे खडू का विकास मार्ग तलाश लिया है। हम बेहद आशावादी है कि अगले पांच वर्षो में भारत के मानव विकास में बेहद बदलाव देखने को मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि “इसमें से कुछ बेहद अनोखी विकास चुनौतियाँ होगी क्योकि यहाँ तय मॉडल है और भारत इस मार्ग पर आगे बढ़ सकता है। भारत चीन और यूरोप को दोहरा नहीं सकता है। भारत को खुद एक विकास मार्ग को तलाशना होगा जो एक मिश्रित जटिल विकासशील मॉडल होगा।”
जैशंकत ने कहा कि देश में बीते पांच वर्षों में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन हुए हैं, जिसमे जागरूकता में वृद्धि, साक्षरता, लिंग अनुपात में बदलाव कौशल और कनेक्टिविटी शामिल है। 2019 का भारत साल 2014 के भारत से बेहद अलग है।
जयशंकर ने पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री को देश में विश्वसनीय परिवर्तन का प्रतिक करार दिया है। लोग वाकई सोचते हैं कि बीते पांच वर्ष में कुछ महत्वपूर्ण और अलग कार्य हुआ है। इसलिए भारत के परिवर्तन में एजेंट के तौर पर लोगो ने उन पर विश्वास करना जारी रखा है।
भारत के विदेश मंत्री ने जी-4 देशो के नेताओं से मुलाकात की थी , इसमें जापान, जर्मनी, ब्राज़ील शामिल है। उन्होंने खाड़ी सहयोग परिषद् के नेताओं से भी मुलाकात की थी।