भारत के भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारत आर्थिक आकर में चीन को पचड देगा और दक्षिण एशिया में बुनियादी ढाँचे के निर्माण से भारत एक मक्स्बूत स्थिति में होगा। दक्षिण एशिया की रणनीति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए रघुराम राजन ने कहा कि भारतीय आर्थिक में निरंतर वृद्धि होती रहेगी जबकि चीनी अर्थव्यवस्था का विकास दर निचे की ओर जा रहा है।
पूर्व गवर्नर ने कहा कि भारत और चीन के मध्य यह मुकाबला दक्षिण एशिया के लिए बहुत फायदेमंद होगा और बेशक सभी को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक तौर पर क्षेत्रीय विकास में भारत की भूमिका अधिक रही है लेकिन अब चीन भारत से अधिक क्षेत्रीय मसलों में दिलचस्पी ले रहा है। पूर्व गवर्नर ने यह बात विश्व आर्थिक मंच पर कही थी।
उन्होंने कहा कि नेपाल और अफगानिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए भारत और चीन दोनो देशों का सहायता ले रहे हैं और यह क्षेत्रीय कंपनियों और बैंको के लिए सुनहरा मौका है। उन्होंने कहा कि भारत कई शेट्रों में निवेश कर रहा है लेकिन अब इसके दायरे में विस्तार करना होगा। उन्होंने इंडस्ट्री को भी जरुरी कदम उठाने के लिए सरकार से वार्ता करने का सुझाव दिया था। रघुराम राजन ने भविष्य में इसके बेहतर परिणाम की उम्मीद की है।
रघुराम राजन के लिए यह जरुरी है कि चीन पाकिस्तान और नेपाल के कई क्षेत्रों में बुनियादी परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है। विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक भारत साल 2017 में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जिसका सकल घरेलू उत्पाद 2590 अरबी डॉलर है और वही चीन की जीडीपी 12230 अरब डॉलर है, जो विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।