अपने तीन देशों के आखरी चरण में सिंगापोर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शांगरी-ला डायलॉग को संबोधित किया, इस क्षेत्रीय संगठन को संबोधित करने वाले प्रधानमंत्री मोदी पहले भारतीय नेता बने।
शुक्रवार को शांगरी ला डायलॉग को स्संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा, “एशिया और विश्व के बेहतर भविष्य के लिए भारत और चीन को एक साथ मिलकर काम करना होगा।”
आपको बता दे, अप्रैल में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच चीन के ‘वुहान’ शहर में अनौपचारिक वार्ता हो चुकी हैं। अपनी चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ हुई वार्ता का संदर्भ देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत और चीन दोनों देशों ने अपने मतभेदों को दूर करने के प्रयासों में, अपनी परिपक्वता और विवेक का प्रदर्शन किया है। दोनों देशों के सामंजस्य की वजह से उपमहाद्वीप में शांति बनी रहेगी।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की एशियाई देशों की आपसी ‘दुश्मनी’ विकास में बाधक बनेगी, लेकिन अगर देश आपसी मतभेद भुलाकर, सहयोग से काम करेंगे को एशिया और एशियाई देश शाश्वत विकास हासिल कर सकेंगे।
दक्षिण चीनी सागर में चीन के बड़ते हस्तक्षेप की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा, “भारत-प्रशांत(इंडो-पसिफ़िक) एक सामरिक शक्तियों का गुट नहीं हैं। भारत, हिन्द महासागर में सभी देशों के मुक्त आवागमन के पक्ष में हैं, जिससे सभी देशों का विकास साध्य हो सके। व्यापार के मामले में भारत मुक्त एवं स्थिर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का पक्षधर हैं।”
एशिया में बड़ते स्पर्धा के विषय में पीएम मोदी ने कहा, “देशों में स्पर्धा सामान्य हैं और यह विकास के लिए जरुरी भी हैं, लेकिन स्पर्धा विवाद या दुश्मनी में परिवर्तित नहीं होनी चाहिये।”