Sun. Nov 17th, 2024
    भारत चीन सम्बन्ध

    भारत व चीन के बीच में ड्रोन हमले को लेकर तनाव बना हुआ है। चीन व भारत को इसका राजनियक हल निकालना चाहिए। डोकलाम विवाद के बाद वापिस से एक बार दोनों देशों के बीच में तनातनी देखी गई है। हालांकि इस बार दोनों देशों की सेना आमने-सामने नहीं आई है।

    उम्मीद की जा रही है कि ड्रोन मामले को लेकर इस हफ्ते तक राजनियक वार्ता के जरिए हल निकाला जा सकता है। दरअसल चीन ने गुरूवार को भारत पर आरोप लगाया था कि भारतीय ड्रोन ने चीनी क्षेत्रों में घुसपैठ की है जो कि बाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

    चीन के आरोपों को खारिज करते हुए भारत ने कहा था कि तकनीकी समस्या की वजह से ड्रोन ने नियंत्रण खो दिया था। इसके पीछे घुसपैठ व हमले जैसी कोई बात नहीं है।

    भारत के प्रेस सूचना ब्यूरो ने चीन के साथ ड्रोन विवाद को लेकर कहा कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों पर स्थितियों से निपटने के लिए संस्थागत तंत्र के माध्यम से स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार इस मामले का निपटारा किया जा रहा है।

    यानि की भारत व चीन के बीच में सैन्य हस्तक्षेप की जगह राजनियक तरीके से मामले को सुलझाया जाएगा। दोनों देशों के राजदूत व विदेश मंत्रालय आपसी वार्ता से इस मामले को निपटाएंगे। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी कहा था कि भारत शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए चीन के साथ काम करता है।

    भारत ने गलती मान दिखाई ईमानदारी

    एशिया-प्रशांत केंद्र के सुरक्षा अध्ययन के एशियाई सुरक्षा प्रोफेसर ने कहा कि मेरे अनुसार ड्रोन संकट दोनों देशों के बीच में तनाव को नहीं बढ़ाएगा। इस मामले का हल राजनियक तरीके से किया जाना चाहिए।

    भारत ने चीनी क्षेत्र में घुसे ड्रोन को अपना मानकर ईमानदारी दिखाई है। ये तकनीकी खामी की वजह से हुआ है। गौरतलब है कि इससे पहले डोकलाम विवाद में सैन्य गतिरोध बढ़ गया था।

    जिसके बाद कम से कम तीन क्षेत्रीय सम्मेलनों में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात करके दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध होने की अपील की थी।