Fri. Dec 27th, 2024
    india gate

    चीन (China) की अर्थव्यवस्था को भारत पछाड़ सके या नहीं लेकिन जनसँख्या (Population) के मामले में भारत (India) साल 2027 तक चीन से काफी आगे निकल जायेगा। आगामी आठ वर्षों में भारत चीन को पछाड़कर दुनिया का सबसे अधिक जनसँख्या वाला राष्ट्र बन जायेगा। यूएन की सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2050 तक भारत की जनसँख्या में 27.3 करोड़ का इजाफा हो सकता है और इस सदी के अंत तक सबसे अधिक जनसँख्या वाला देश बनकर उभरेगा।

    जनसँख्या वृद्धि में भारत होगा सरताज

    रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में भारत की जनसँख्या करीब 1.37 अरब है और चीन की 1.43 अरब है। भारत की जनसँख्या साल 2027 तक चीन को पछाड़ देगी। ‘द वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2019’ की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2050 तक वैश्विक जनसँख्या में दो अरब अधिक वृद्धि का अनुमान है। साल 2019 में यह 7.7 अरब से 30 वर्षों बाद 9.7 अरब बढ़ जाएगी।

    इस रिपोर्ट को यूएन के आर्थिक और सामाजिक मामलो के विभाग ने प्रकाशित किया है। आज और साल 2050 तक 55 देशो की जनसँख्या के एक प्रतिशत सिकुड़ने के आसार है। साल 2010 से 27 देशों की जनसँख्या में न्यूनतम एक प्रतिशत का आयी है।

    चीन में साल 2050 तक जनसँख्या के 2.2 प्रतिशत या 314 लाख कम होने के अनुमान है। इस वक्त में भारत में 27.3 करोड़ लोगो की आबादी बढ़ेगी। भारत उन देशो में शीर्ष पर है जिनकी जनसँख्या में साल 2050 तक आधी वृद्धि के अनुमान है।

    बूढी होती वैश्विक जनसँख्या

    साल 2027 में पुनर्व्यवस्थित करने पर इस सदी के अंत तक पांच सबसे बड़े देशों के रैंकिंग वही रहेगी। भारत के विश्व की सबसे अधिक आबादी वाले देश बनने का अनुमान है, वह 1.5 अरब लोगो का घर होगा, इसके बाद चीन 1.1 अरब, नाइजीरिया में 73.3 करोड़, अमेरिका में 43.4 करोड़ और पाकिस्तान में 40.3 करोड़ आबादी होगी।

    रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक जनसँख्या वृद्ध हो रही है क्योंकि इस से 65 की आयु समूह सबसे अधिक है और साल 2050 तक इसमें तेज़ी से वृद्धि होने के अनुमान है। विश्व में छह लोगो में  इसका भाग होंगे जबकि साल 2019 में 11 में एक इस समूह का हिस्सा है।

    इस सदी के अंत तक वैश्विक जनसँख्या अपने चरम पर होगगी और यह 11 अरब के कारोब पहुंच जाएगी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *