भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनौपचारिक बैठक में शरीक होने के लिए अप्रैल में चीन के वुहान शहर में गये थे। सूत्रों के मुताबिक चीन और भारत की साझा भागीदारी के तहत अफगानिस्तान के कूटनीतिज्ञों को आज से प्रशिक्षण दिया जाना शुरू किया जायेगा।
एससीओ की बैठक के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। इस अनौपचारिक मुलाकात के दौरान दोनों राष्ट्रों के प्रमुखों ने इस साझा प्रशिक्षण कार्यक्रम की नींव रखी थी। जाहिर है इससे भारत चीन सम्बन्ध को नया आयाम मिलेगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय की सूचना के मुताबिक भारत और चीन के साझा सहयोग से अफगान कूटनीतिज्ञों को 15 से 26 अक्टूबर तक प्रशिक्षण दिया जायेगा।
अफगानिस्तान में तैनात भारतीय राजदूत विनय कुमार इस साझा कार्य का नेतृत्व करेंगे। वह इस प्रशिक्षण में भाग में लेने वाले 10 अफगान कुटनीतिज्ञों का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह कार्यक्रम भारत, चीन और अफगानिस्तान के त्रिपक्षीय सहयोग से आयोजित हो रहा है।
यह त्रिपक्षीय साझा कार्यक्रम तीनों मुल्कों के मध्य खटास को काम करने में प्रभावी साबित होगा। भारत इस कार्यक्रम के माध्यम से चीन के साथ सीपीईसी से जुड़े विवादों को कम करने और अफगानिस्तान में निर्यात को बहाल करने की कोशिश करेगा।