भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकी संघ (AU) को समूह के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करने की घोषणा की है। यह घोषणा 2023 के G20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में की गई थी। इस ऐतिहासिक घोषणा से अफ्रीका को वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में अधिक समावेशी और समान भागीदारी का अवसर मिलेगा।
G20 दुनिया के 20 सबसे बड़े अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। इसमें 19 देशों और यूरोपीय संघ शामिल हैं। AU के स्थायी सदस्य बनने से अफ्रीका को G20 के निर्णयों में अधिक प्रभावी रूप से भाग लेने का अवसर मिलेगा। यह अफ्रीका के विकास और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि AU के स्थायी सदस्य बनने से अफ्रीका को वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में अपनी आवाज को और मजबूत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह भारत और अफ्रीका के बीच सहयोग को और बढ़ावा देगा।
Advancing a more inclusive G20 that echoes the aspirations of the Global South!
PM @narendramodi extends a heartfelt welcome to President @_AfricanUnion and the President of Comoros Azali Assoumani.
Thrilled to have the African Union as a permanent member. A milestone for the… pic.twitter.com/SqwziRCwiT
— PMO India (@PMOIndia) September 9, 2023
प्रधानमंत्री ने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा, “भारत की G-20 प्रेसीडेंसी, देश के भीतर और देश के बाहर, Inclusion का, “सबका साथ” का प्रतीक बन गई है। भारत में ये People’s G-20 बन गया। करोड़ों भारतीय इससे जुड़े। देश के 60 से ज़्यादा शहरों में 200 से ज्यादा अधिक बैठकें हुईं।
सबका साथ की भावना से ही भारत ने प्रस्ताव रखा था कि अफ्रीकन यूनियन को G-20 की स्थाई सदयस्ता दी जाए। मेरा विश्वास है कि इस प्रस्ताव पर हम सब की सहमति है।
आप सबकी सहमति से, आगे की कार्यवाही शुरू करने से पहले, मैं अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष को G-20 के स्थाई सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूँ।”
AU के अध्यक्ष और कोमोरोस के राष्ट्रपति अज़ाली आसाउमानी ने इस घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह अफ्रीका के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा कि AU जी 20 के सदस्य के रूप में अपने दायित्वों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाएगा।
AU के स्थायी सदस्य बनने से अफ्रीका को वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने और अपने हितों को बेहतर तरीके से बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। यह अफ्रीका के विकास और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।