आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मज़बूत करने का संकल्प लेते हुए भारत और केन्या ने आतंकियों को वित्तपोषित करने से बचने की महत्वता पर जोर दिया है। साथ ही राष्ट्रों से वैश्विक आतंकियों और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ गंभीर और निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
Taking stock of our comprehensive partnership
EAM @SushmaSwaraj and Kenyan Foreign Minister Juma lead the Joint Commission Meeting in New Delhi. On the table – development cooperation, defence & security, economic, culture & people-to-people contact. pic.twitter.com/tlxmuDfyTs
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 6, 2019
इस समझौते को बुधवार को भारत और केन्या के बीच दूसरी जॉइंट कमिशन मीटिंग के दौरान अमल में लाया गया था। भारतीय प्रतिनिधि समूह का नेतृत्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कर रही थी। जबकि केन्या के प्रतिनिधि समूह का नेतृत्व विदेश मामलों की कैबिनेट सेक्रेटरी मोनिका जुमा कर रही थी।
इस समिति ने कम्प्रेहेनशिप कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म पर जल्द निष्कर्ष की प्रतिक्रिया जाहिर की है। जो भी आतंक फैलाएगा या मदद करेगा, इसके लिए उत्तरदायी होगा। दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तर पर अपने विचार साझा किये थे।
इस जॉइंट कमिशन ने आतंकवाद की सभी रूपों की आलोचना की और जोर देते हुए कहा कि आतंकी गतिविधियां किसी भी प्रकार से न्यायसंगत नहीं हो सकती है। कमीशन ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर बर्बर आतंकी हमले की की आलोचना की। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे।
केन्या के निर्बोई के दुसित होटल के काम्प्लेक्स में 15 जनवरी 2019 को हमला हुआ था, जिसमे 22 लोगों की हत्या हुई थी। भारत और केन्या के द्विपक्षीय संबंधों की जेसीएम व्यापक समीक्षा करेगा। इस चर्चा में रक्षा, सुरक्षा, लाइन ऑफ़ क्रेडिट, कपैसिटी बिल्डिंग, व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, जान संपर्क और निवेश पर अधिक फोकस दिया जायेगा।
जॉइंट कमीशन लाइन ऑफ़ क्रेडिट के अंतर्गत परियोजनाओं की समीक्षा करेगा। दोनों पक्ष विकासशील परियोजनाओं को करीबी से मॉनिटर करने के लिए तैयार है। केन्या में भारत दूसरा सबसे बड़ा निवेशक है। केन्या ने एग्रो प्रोसेसिंग, फ़ूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, टेक्सटाइल, लैदर, लैदर के उत्पादों और आईसीटी जैसे क्षेत्र में भारतीय निवेश को आमंत्रित किया है।
केन्या के राष्ट्रपति ने जनवरी 2017 में भारत की यात्रा की थी। वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2016 में केन्या की यात्रा की थी। जॉइंट कमीशन का अगला सत्र केन्या में आयोजित होगा।