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    कुवैत में सुषमा स्वराज

    भारत की विदेश मंत्री ने कुवैत के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की हैं। सुषमा स्वराज ने कुवैत के मंत्री आमिर शेख सबह अल अहमद जावेद से द्विपक्षीय समझौतों को मज़बूत करने के बाबत बातचीत की थी। भारत की विदेश मंत्री का कुवैत के आला अधिकारियों के साथ बैठक से भारतीय समुदाय ने चिंता जाहिर की है।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि सुषमा स्वराज ने सोमवार को दोहा में विदेश मंत्री क़तर शेख तमिम बिन हमद अल थानी से मुलाकात कर द्विपक्षीय समझौतों को आगे बढाने के बाबत बातचीत की थी। इस यात्रा के बाद विदेश मंत्री स्वराज कुवैत की यात्रा पर गई थी। विदेश मंत्रालय की प्रमुख सुषमा स्वराज ने कुवैत के विदेश मंत्री के साथ बातचीत की थी। उन्होंने द्विपक्षीय समझौतों में विकास का आंकलन किया साथ ही भारतीय समुदाय की चिंताओं को उजागर किया था।

    रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि सुषमा स्वराज ने कुवैत के प्रधानमन्त्री शेख जबर अल मुबारक अल हमद से द्वपक्षीय समझौतों के मसलों पर बातचीत की थी साथ ही आर्थिक और निवेश सहयोग को मज़बूत करने का रोडमैप तैयार किया था। कुवैत के भारतीय समुदाय कुवैत सरकार के मजदूर नीति को परिवर्तित करने की बात से भयभीत है।

    भारतीय दूतावास ने ऐलान किया कि कुवैत सरकार की नीति से प्रभावित होने वाले सभी इंजिनियरों की 2 नवम्बर को बैठक बुलाई जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक कुवैत में नई नीति लागू हो जाने के बाद भारतीय इंजिनियरों को भारत वापस भेज दिया जायेगा। भारतीय समुदाय ने सदैव कुवैत के आर्थिक और वैज्ञानिक विकास में सहयोग किया है।

    सुषमा स्वराज महात्मा गाँधी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि देंगी। रवीश कुमार ने बताया कि बापू की 150 वीं सालगिरह की जश्न में कुवैत भी शामिल होने जा रहा है। भारत के साथ कुवत के नजदीकी और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय सम्बन्ध है। आंकड़ों के मुताबिक 8 लाख भारतीय नागरिक कानूनी तौर पर कुवैत में रह रहे हैं।

    कुवैत भारत का कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता रहा है। साल 2017-18 में कुवैत भारत का नौवां सबसे बड़ा तेल आयातक था। कुवैत भारत की लगभग 4.6 फीसदी ऊर्जा की जरुरत की पूर्ती करता है।  भारत और कुवैत के मध्य साल 2016-17 में 5.9 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार रहा है जबकि 2017-18 में 8.9 बिलियन डॉलर है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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