पाकिस्तानी विदेश विभाग ने बयान जारी कर कहा कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद के मध्य जब तक वार्ता बहाली नहीं होती तब तक करतारपुर सीमा सिख श्रदालुओं के लिए नहीं खुलेगी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि बगैर बातचीत के दोनों राष्ट्रों के मध्य कोई मसला हल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के मध्य विवादों को सुलझाने का वार्ता ही एकमात्र जरिया है।
विदेश प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने दोहराया कि पाकिस्तान भारत के साथ द्विपक्षीय विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत को तैयार है। उन्होंने कहा पाकिस्तान अपने पड़ोसी देश के साथ शांति से बातचीत की कोशिश ही कर सकता है।
हाल ही में पाकिस्तान के नयी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में पंजाब के मंत्री और क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू शरीक हुए थे। उन्होंने पाक सरकार की करतारपुर बॉर्डर को दोबारा खोलने की मंशा को बताया था। इस पाकिस्तान दौरे के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
करतारपुर साहिब की साल 1522 में सिखों के पहले गुरु ने स्थापना की थी। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पाकिस्तानी आर्मी प्रमुख जावेद कमर बाजवा ने करतारपुर साहिब बॉर्डर खोलने का आश्वासन दिया है जिसे वे गुरु नानक देव की 550 वीं सालगिरह पर खोलेंगे। इस वर्षगाँठ का जश्न नवम्बर 2019 में होगा।
भारत ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की यूएन में होने वाली बैठक को रद्द कर दिया था। इस बैठक के निरस्त होने के बाद से ही पाकिस्तान भड़का हुआ है।
भारत ने पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर के तीन पुलिसकर्मियों की निर्ममतापूर्वक हत्या में संलिप्त होने और कश्मीरी आतंवादी बुरहान वानी के के सम्मान में डाक टिकट जारी करने के कारण यह बैठक रद्द कर दी थी।
पाकिस्तान के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से करतारपुर बॉर्डर दोबारा खुलवाने की दरख्वास्त की है।