भारत और पाकिस्तान के अधिकारी करतारपुर प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए 14 मार्च को अट्टारी-वाघा बॉर्डर पर मिले थे।
पाकिस्तान रेडियो ने गुरूवार को कहा कि “भारत के साथ करतारपुर गलियारे के प्रस्ताव पर चर्चा और तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना, सम्पूर्ण थी। हालाँकि कई मसलों पर मतभेद थे, लेकिन यह बातचीत अनुकूल और सकारात्मक पर्यावरण में हुई थी।”
पाकिस्तानी दल का प्रतिनिधित्व करने वाले मोहम्मद फैसल ने कहा कि “गलियारे से सम्बंधित मसलों पर चर्चा हुई थी। इसमें सड़क, निर्माण और अन्य तकनीकी सुविधाएं शामिल थी।” इस मुलाकात को उपलब्धि बताते हुए मोहम्मद फैसल ने कहा कि “कई सालों बाद भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त बयान जारी किया था। ऐसा ही साल 2015 में हुआ था।”
बयान में उन्होंने कहा कि “दोनों पक्षों की प्रस्तावित समझौते के सभी पहलुओं और प्रावधानों पर रचनात्मक और गहरी बातचीत हुई है। साथ हो दोनों ने करतारपुर साहिब गलियारे के शीघ्र संचालन की तरफ कार्य करने पर रज़ामंदी जाहिर की है। दोनों पक्षों के बीच विशेषज्ञों ने भी बातचीत की थी।”
पाकिस्तान से 18 सदस्यीय दल गुरूवार को भारत पंहुचा था। भारत का प्रतिनिधित्व गृह मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी एससीएल दास ने किया था।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि “पहली मुलाकात समझौते के तौर तरीके को फाइनल करने और मसौदे को तैयार करने के लिए हुई थी। ताकि सिख श्रद्धालु करतारपुर गलियारे का इस्तेमाल कर के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की कर सके। यह मुलाकात भारत में सौहर्द्पूर्व वातावरण में हुई थी। दोनों पक्षों की प्रस्तावित समझौते के सभी पहलुओं और प्रावधानों पर रचनात्मक और गहरी बातचीत हुई है। साथ हो दोनों ने करतारपुर साहिब गलियारे के शीघ्र संचालन की तरग कार्य करने पर रज़ामंदी जाहिर की है।”
बयान के अनुसार “दोनों पक्षों ने अगली मुलाकात 2 अप्रैल 2019 को वाघा में आयोजित करने पर रजामंदी जाहिर की है। इसके आलावा 19 मार्च 2019 को तकनीकी विशेषज्ञों की मुलाकात होगी।”
भारत ने 24 नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लाहौर से 124 किलोमीटर दूर नरोवाल में इस गलियारे की नींव रखी थी। करतारपुर पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में आता है और नरोवाल जिले में पड़ता है। भारत सरकार ने इस निर्णय को 22 नवम्बर 2018 को लिया था, क्योंकि यह प्रस्ताव लम्बे समय से अटका हुआ था। भारत सरकार ने आज पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ ही करतारपुर गलियारे का आंकड़े साझा किये हैं।
इस गलियारे के माध्यम से भारत के सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में स्थित पवित्र स्थल के दर्शन कर पाएंगे। नवंबर, 2019 में गुरु नानक देव जी की 550 वीं वर्षगाँठ का आयोजन होगा।