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    भारत और बांग्लादेश के बीच यात्री ट्रेन सेवा, मिताली एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना

    रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और बांग्लादेश के रेल मंत्री मोहम्मद नूरुल इस्लाम सुजान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यू जलपाईगुड़ी और ढाका के बीच मिताली एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध दोनों देशों के बीच साझा विरासत, साझा वर्तमान और साझा भविष्य पर आधारित है।’

    उन्होंने कहा- आज दोनों देशों के बीच जो विकास हो रहा है वह सभी स्तरों पर दोनों देशों के बीच अच्छा मित्रता से बहुत तेजी से बढ़ा है। मिताली एक्सप्रेस दोस्ती बढ़ाने, इस बंधन को मजबूत करने, रिश्ते सुधारने में एक और मील का पत्थर साबित होगी।

    ढाका-जलपाईगुड़ी मिताली एक्सप्रेस तीसरी बांग्लादेश-भारत यात्री ट्रेन सेवा है। इससे पहले बंधन एक्सप्रेस और मैत्री एक्सप्रेस ट्रैन सेवा बहाल की गयी है। 

    यह ट्रेन चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल लिंक होकर भारत के पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी से बांग्लादेश के ढाका छावनी रेलवे स्टेशन तक चलेगी। दस डिब्बों वाली नॉन-स्टॉप पैसेंजर ट्रेन 513 किमी की दूरी तय करेगी।

    मिताली एक्सप्रेस सप्ताह में दो दिन ‘रविवार और बुधवार’ को न्यू जलपाईगुड़ी जंक्शन से और ढाका छावनी से प्रत्येक ‘सोमवार और गुरुवार’ को चलेगी।

    मिताली एक्सप्रेस का उद्घाटन पिछले साल 26 मार्च को दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने किया था। दोनों मंत्रियों ने कहा मिताली एक्सप्रेस के शुरू होने से दोनों पड़ोसियों के बीच व्यापार और यात्रा के संबंध और भी समृद्ध होंगे। जिससे reach और connectivity में सुधार होगा।

    वातानुकूलित द्विसाप्ताहिक ट्रेन मिताली एक्सप्रेस उत्तर-पूर्व भारत को बांग्लादेश से जोड़ेगी जिससे बांग्लादेश के लोगों को पूरे उत्तर पूर्व भारत के पर्यटन स्थलों तक आसानी से पहुँचाया जा सकेगा।

    ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए रेल मंत्री सुजान ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश से भारत आने वाले यात्रियों की मांग को पूरा करने के लिए साप्ताहिक ट्रेन को सप्ताह में 5 दिन अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने रेलवे लाइन को broad-gauge में बदलने जैसे बांग्लादेश के रेलवे बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए भारत से सहयोग मांगा।

    रेल मंत्री वैष्णव ने बांग्लादेश को रेलवे के आधुनिकीकरण के प्रयास में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। बांग्लादेश के लिए भारत द्वारा दी गई 8 अरब डॉलर की  Line of Credit (LOC) का करीब 25 प्रतिशत भारत द्वारा चलाई जा रही 17 रेलवे परियोजनाओं से जुड़ा है।

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