Mon. Nov 18th, 2024

    अपने अजीबोगरीब बयानों से नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली हमेशा ही चर्चा में रहते हैं। एक बार फिर उन्होंने एक विवादास्पद बयान दिया है। के पी ओली ने कहा है कि वे भारत से कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा नेपाल में वापस लेकर रहेंगे। ऐसे अजीबोगरीब बयान वे काफी वक्त से दिए जा रहे हैं। ऐसे बयान देना उनके लिए कोई नई बात नहीं है। उन्होंने नेपाल की राष्ट्रीय संसद सत्र को संबोधित करते हुए यह कहा कि सुगौली संधि के तहत यह तीनों क्षेत्र नेपाल का हिस्सा हैं और वे किसी न किसी तरह से इसे भारत से वापस लेंगें।

    गौरतलब है कि कुछ ही समय में नेपाल के विदेश मंत्री भारत का दौरा करने वाले हैं। के पी ओली ने संसद में यह भी बताया है कि नेपाल के विदेश मंत्री भारत आकर इस मुद्दे पर भी भारतीय सरकार से बात करेंगे। ओली के मुताबिक नेपाल भारत से बेहतर संबंध चाहता है, लेकिन वे संबंध बराबरी के होने चाहिए। उन्होंने इस बयान के लिए सुगौली संधि को आधार बताया है।

    नेपाल में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक हालत अस्थिर है। चीन की नजर हमेशा से नेपाल पर बनी हुई है। ऐसे में वहां की राजनीतिक अस्थिरता का फायदा भी चीन लेना चाहता है। के पी ओली का यह बयान चीन के ही भड़काने से प्रेरित लग रहा है। कुछ समय पहले उनका कहना था कि अयोध्या नेपाल का हिस्सा है। इसके अलावा और भी कई बयान हैं जो उन्हें हमेशा सुर्खियों में रखते हैं। कुछ समय पहले ही नेपाल ने एक अपना एक नया नक्शा भी जारी किया था जिसमें उसने भारत के तीन क्षेत्रों को अपना हिस्सा बताया था। के पी शर्मा ओली का कहना है कि भारत जाने के बाद उनके विदेश मंत्री इस नए नक्शे के बारे में भी बात करने वाले हैं। हालांकि भारत की तरफ से इस पर ऐतराज काफी पहले ही जताया जा चुका है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *