भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने बुधवार को भारत की ऐतिहासिक जीत दिलवाने वाले अहम खिलाड़ी को चुना जो की ‘रन मशीन’ चतेश्वर पुजारा थे।
तेंदुलकर भी भारतीय टीम द्वारा खेली जाने वाली शैली से प्रभावित थे, उन्होने कहा कि विराट कोहली और उनकी टीम ने जो चार टेस्ट मैच की श्रृंखला में क्रिकेट खेला वह बहुत “शानदार” था।
भारतीय टीम ने 1947-48 के बाद ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीती है। जिसमें टीम ने एडिलेड और मेलबर्न में टेस्ट मैच जीते थे, जबकि टीम को पर्थ टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा था और आखिरी टेस्ट मैच सिडनी में बारिश के चलते ड्रॉ हो गया था।
मुंबई से एक कार्यक्रम के मौके पर सचिन तेंदुलकर ने कहा, ” शानदार। टीम ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। जो क्रिकेट का ब्रांड उन्होने ऑस्ट्रेलिया में दिखाया वह शानदार था।”
चतेश्वर पुजारा ने चार टेस्ट मैचो की सीरीज में 521 रन बनाए। जिसमें तीन शतक और एक अर्धशतक शामिल था और सीरीज में 193 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा। और सचिन ने उनकी इस बहतरीन बल्लेबाजी के बारे में कहा की वह पूरी सीरीज में उत्कृष्ट थे।
” मुझे पूरी सीरीज में एक लम्हें में भी उनकी खामी नही दिखी, इसलिए वह पूरी सीरीज शानदार रहे। पुजारा के द्वारा दिए गए इस सीरीज में स्कोर, उनके पक्ष में नही थे, लेकिन फिर भी वह ऑस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन देने में कामयाब हो पाए। दूसरा हम गेंदबाजो के योगदान को भी नजरअंदाज नही कर सकते। गेंदबाजो ने भी अच्छा प्रदर्श किया।
“लेकिन कहीं न कहीं पुजारा ने उस ठोस नींव को बिछाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिस पर कई लोग आउट हो रहे थे और रन भी बना रहे थे। विराट (कोहली) ने दूसरे टेस्ट में रन बनाए। अजिंक्य (रहाणे) की वह महत्वपूर्ण साझेदारी थी (श्रृंखला में)। फिर ऋषभ (पंत), (रवींद्र) जडेजा – इन सभी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। मयंक (अग्रवाल) अच्छी शुरुआत के लिए उतरे।”
तेंदुलकर ने आगे कहा, ” मैं एक खिलाड़ी की फिर तारीफ करना चाहूंगा वह पुजारा है जो पूरी सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजो को डटकर सामना करते हुए नजर आए थे।”
उनका यह भी मानना है कि यह ऐतिहासिक जीत जो 71 साल बाद आई है, वह युवा खिलाड़ियो को प्रेरित करेगी।