भारत के कप्तान विराट कोहली जो की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट मैचो की सीरीज में कप्तानी करेंगे, तो उनके लिए इस वक्त ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतने का एक अच्छा मौका हैं। हालांकि कोहली के नाम टेस्ट क्रिकेट में 24 शतक हैं, उनका मानना हैं कि वह किसी के सामने कुछ साबित करने के लिए मैदान में नही उतरते और, अपनी तरफ से टीम के लिए अपना पूरा योगदान देते हैं। भारत के कप्तान विराट कोहली की टेस्ट मैच में 54 की औसत हैं, और उनका यह मानना हैं कि दूसरे देशो में जाकर खेलना उनके लिए कोई अलग बात नही हैं।
कोहली ने सिडनी स्थित मैक्वेरी स्पोर्टस रेडियो को बताया कि ” आप हर सीरीज, हर दौरे औऱ हर मैच से कुछ ना कुछ सीखते हो।”
“मुझे लगता है कि पिछली बार दौर से, मैं खुद को अधिक आश्वासन देता हूं, मुझे आने वाली सीरीज में किसी को भी साबित करने की ज़रूरत नहीं है”।
30 साल के विराट कोहली ने यह भी कहा कि ” मैं जब मैदान में होता हू तो टीम की तरफ से अपना सौ प्रतिशत देता हूं, और मैं जब अपने देश के अलावा कही और भी क्रिकेट खेल रहा होता हू तो मुझे कुछ अलग महसूस नहीं होता।”
भारतीय टीम ने इससे पहले भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 2014-15 खेली गई बार्डर-गावस्कर हारी थी। 2014-15 में खेली गई टेस्ट-सीरीज में भारत ने शुरुआती दौ मैच गवाए थे, और आखिरी दो मैचों में ड्रा खेला था”। चार टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत को उस वक्त 2-0 से सीरीज गवांनी पड़ी थी।
लेकिन आने वाली चार टेस्ट मैच की सीरीज जीतने के लिए भारत के पास यह एक बहुत अच्छा मौका हैं, क्योंकि इस वक्त ऑस्ट्रेलिया की तरफ से कई युवां खिलाड़ी खेल रहे हैं और दिग्गज खिलाड़ी स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर दक्षिण अफ्रीका में हुए बॉल-टेंपरिंग विवाद के बाद टीम से बाहर हैं। चार टेस्ट मैचो की सीरीज का पहला मैच 6 दिसंबर से ऐडिलेड में खेला जाएगा।