भारतीय टीम के बाए हाथ के स्पिनर गेंदबाज कुलदीप यादव जो की आखिरी और चौथे टेस्ट मैच में टीम में शामिल है। वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे है। वह इस टेस्ट मैच में अपनी अच्छी गेंदबाजी से छाप छोड़ रहे है। कुलदीप यादव ने कहा, ” मुझे टेस्ट क्रिकेट में सफल गेंदबाज बनने के लिए थोड़ा और समय चाहिए, और इसके लिए मुझे ज्यादा से ज्यादा क्रिकेट लाल गेंद से खेलनी होगी।”
बाएं हाथ के इस स्पिनर गेंदबाज ने आस्ट्रेलिया की पहली इनिंग में अबतक अपने नाम तीन विकेट किए है और ऑस्ट्रेलिया की टीम इस वक्त 6 विकेट के नुकसान पर 236 रन ही बना पाई है। भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी 7 विकेट के नुकसान में 622 रन बनाए थे। जिसके बाद कप्तान ने पारी घोषित की थी।
कुलदीप ने अपना टेस्ट डेब्यू इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्डस में किया था। इस टेस्ट मैच में जगह मिलने के बाद उन्होने कहा वह थोड़ा बेचैन है।
शनिवार को कुलदीप ने कहा, ” अगर ईमानदारी से कहूं मैंने ऑस्ट्रेलिया में गेंदबाजी करने के लिए कुछ नही बदला, मैं इस सीरीज में अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहा हूं इसलिए थोड़ा बेचैन हूं।”
” मैंने बहुत क्रिकेट खेली हैं, जिसके लिए मेरे पास पर्याप्त जानकारी है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजी में सुधार के लिए मुझे थोड़ा समय और चाहिए होगा। जितना आप लाल गेंद से खेलेंगे उतना ही आप बहतर कर सकते है।”
कुलदीप ने कहा, ” जब गेंदबाजी में सुधार की बात आती है तो ‘मैच के अनुभव’ में कोई विकल्प नही होना चाहिए।
” टेस्ट क्रिकेट भी ऐसा ही है, आप जितना अच्छा खेंलेंगे उतनी ही अच्छी तरीके से आप बल्लेबाज को जान पाएंगे। तो ऐसे में बल्लेबाजो के लिए योजना बनाने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा और आप ज्यादा से ज्यादा ओवर खेंक सकेंगे और फील्ड बदल सकेंगे।”
“आपके ऊपर तब बहुत दबाव होता है जब आप ने बहुत सफेद गेंद की क्रिकेट खेली हो और उसके बाद आपको लाल गेंद की क्रिकेट खेलनी है। आपको एक लेग- स्पिनर के रूप में 10 दिन अपनी मानसिकता और नियंत्रण बदलने में लग जाते है।”