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    मिसाइल प्रणाली

    भारत और रूस एस-400 वायु रक्षा प्रणाली का उत्पादन की शुरुआत नई दिल्ली में करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। यह बयान रूस की कंपनी रोस्टेक के सीईओ सेर्गेय चेमेज़ोव ने रविवार को की थी। उन्होंने कहा कि “हाँ, हम भारत के साथ स्थानीय स्तर पर इसका निर्माण शुरू करने के बाबत चर्चा कर रहे है।”

    एस-400 का भारत में उत्पादन

    उन्होंने कहा कि “भारत को विभिन्न तकनीको के निर्माण के लिए लाइसेंस पहले ही मिल चुका है। इसमें सु-30 लडाकू विमान और टी-90 टैंक शामिल है। हम ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण भारत के साथ उनकी सरजमीं, उनके वैज्ञानिको के साथ  मिलकर किया था। ”

    बीते महीने विदेश मंत्री ने मोस्को में रूस के समकक्षी सेर्गेई लावरोव से मुलाकात की थी और द्विपक्षीय संबंधों के मजीद विस्तार के तरीको पर चर्चा की थी। नई दिल्ली में 5 अक्टूबर 2018 को आयोजित वार्षिक भारत-रूस द्विपक्षीय सम्मेलन के दौरान पांच एस-400 मिसाइल को खरीदने के लिए 5.43 अरब डॉलर के समझौते पर दस्तखत किये थे।

    वांशिगटन ने संकेत दिए थे कि रूस से वायु रक्षा मिसिसले खरीदने पर वह कास्टा कानून के तहत भारत पर प्रतिबन्ध थोप सकता है। रूस के उप प्रधानमन्त्री युरी बोरिसोव ने बीते हफ्ते कहा कि “समयसीमा का सख्ती से पालन करते हुए भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की खेप को दिया जायेगा।”

    उन्होंने कहा कि “भारत की तरफ से हमें एडवांस रकम मील चुकी है और तय समयसीमा के मुताबिक भारत को अगले 18 से 19 महीने में सब कुछ डिलीवर कर दिया जायेगा।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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