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    भारत अमेरिका सम्बन्ध

    अमेरिका की ट्रम्प सरकार के अधिकारी का मानना है कि भारत अब तक चीन की वजह से एनएसजी का सदस्य नहीं बन पाया है और भारत इसमें शामिल होनें के लिए पूरी तरह से तैयार है।

    आपको बता दें एनएसजी एक ऐसा समूह है, जिसमें 48 ऐसे देश शामिल हैं, जो परमाणु हथियारों से लैस हैं। भारत नें लगातार इसमें शामिल होनें की कोशिश की है, लेकिन चीन नें लगातार भारत की कोशिशों पर पानी फेर दिया है।

    दरअसल चीन का मानना है कि किसी भी नए देश को एनएसजी में शामिल होने के लिए परमाणु संधि पर हस्ताक्षर करने होंगें, जिसके लिए भारत तैयार नहीं है।

    इन्हीं कारणों से हर बार जब वोटिंग होती है, चीन अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल कर भारत को इसमें शामिल होने से रोक देता है।

    अब अमेरिका की ओर से इस बारे में कहा गया, “न्यूक्लिअर सप्लायर ग्रुप (एनएसजी) में सबकी सहमति से ही नए सदस्य को जोड़ा जा सकता है। भारत इसमें इसलिए शामिल नहीं हो पाया है क्योंकि चीन नें लगातार इसमें रोक लगायी है। हमारा मानना है कि भारत इसमें शामिल होनें के लिए पूरी तरह से तैयार है और हम भारत को इसमें शामिल करने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।”

    अमेरिका नें यह भी कहा है कि भारत अमेरिका के लिए कितना जरूरी है, इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका नें भारत को अपने सबसे करीबी साथी देशों में शामिल कर लिया है।

    इसके अलावा आपको बता दें कि व्यापारिक मुद्दों में भारत और अमेरिका के बीच सब कुछ ठीक नहीं है।

    हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नें भारत पर आरोप लगाया था कि भारत अमेरिका का काफी फायदा उठाता है और बदले में अमेरिका को कोई सहायता नहीं देता है।

    ट्रम्प नें कहा था कि हम भारत को व्यापार के मामले में काफी सहायता करते हैं, लेकिन कई अमेरिकी चीजों पर भारत में भारी टैक्स लगता है, जिसका घाटा अमेरिका को हो रहा है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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