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    भारत, ईरान और अफगानिस्तान के वरिष्ठ अधिकारीयों नें कल मंगलवार को एक मुलाकात की, जिसमें तीनों देशों नें चाबहार बंदरगाह समेत महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की। चाबहार बंदरगाह ईरान में स्थिति है, जिसके विकास के लिए भारत आर्थिक सहायता कर रहा है।

    आपको बता दें कि ईरान में स्थिति चाबहार बंदरगाह भारत के लिए कई मायनों में बहुत जरूरी है। इस बंदरगाह के जरिये भारत अफगानिस्तान जैसे देशों से व्यापारिक सम्बन्ध रख सकता है।

    इसके अलावा भारत को उत्तरी एशिया और यूरोप में पहुंचनें के लिए भी इस बंदरगाह की खासी जरूरत है।

    इसके अलावा यह मुलाकात इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अमेरिका और ईरान के बीच सम्बन्ध काफी ख़राब चल रहे हैं और भारत पर इसका असर पड़ सकता है।

    जाहिर है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नें हाल ही में 2015 ईरान न्युक्लीअर डील से नाता तोड़ दिया था। इसके बाद अमेरिका नें ईरान पर कई प्रकार के प्रतिबन्ध लगा दिए थे।

    भारत इसको लेकर दुविधा में है। दरअसल भारत के सम्बन्ध दोनों अमेरिका और ईरान से ही मजबूत हैं। जहाँ भारत और अमेरिका हाल ही में व्यापार जैसे मुद्दों पर काफी करीब आये हैं, वहीँ भारत और ईरान एक लम्बे समय से मित्र देश रहे हैं।

    भारत नें ऐसे में बड़ी ही सावधानी बरतते हुए इसका असर अपने ऊपर पड़ने नहीं दिया है। भारत नें साफ़ कर दिया है कि वह अमेरिका के दबाव में ईरान से अपने रिश्ते कमजोर नहीं करेगा।

    कल की इस मीटिंग में अफगानिस्तान के उप विदेश मंत्री हेकमत खलील करजई, भारत के विदेश सेक्रेटरी विजय गोखले और ईरान के उप-विदेश मंत्री अब्बास अर्घची शामिल हुए थे।

    इस अहम् मुलाकात के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया, “इस मीटिंग में चाबहार बंदरगाह समेत कई अहम् आर्थिक मुद्दों पर बातचीत हुई है। इसके अलावा आतंकवाद के खिलाफ और शान्ति बनाए रखने जैसे मुद्दों पर भी सहमती हुई है। इसी सन्दर्भ में अगली मीटिंग भारत में 2019 में होगी।”

    भारत और अमेरिका के सन्दर्भ में यदि बात करें तो हाल ही में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण नें अमेरिका के रक्षा मंत्री समेत दो वरिष्ट मंत्रियों से मुलाकात की थी।

    इस दौरान चाबहार पर भी बातचीत हुई और भारत नें कहा कि चाबहार भारत के लिए कई मायनों में बहुत अहम् है। भारत नें कहा पाकिस्तान के साथ ख़राब रिश्तों के बीच यदि भारत को अफगानिस्तान के करीब रहना है तो चाबहार बंदरगाह इसके लिए बहुत जरूरी है।

    चाबहार भारत के लिए क्यों है जरूरी?

    ईरान अफगानिस्तान भारत

    जैसा कि जाहिर है चाबहार बंदरगाह अरब सागर में एक अहम् बंदरगाह है। यह ईरान के तट पर स्थिति है और उत्तरी एशिया में प्रवेश करने के लिए एक अहम् द्वार है।

    भारत को पता है कि यदि उसे अफगानिस्तान और अन्य देशों में पहुंचना है तो उसे ऐसे ही किसी बंदरगाह की जरूरत है। चूंकि भारत और अफगानिस्तान के बीच कोई और सीमा नहीं है, इसीलिए भारत को ईरान के जरिये अफगानिस्तान पहुंचना पड़ रहा है।

    भारत नें चाबहार बंदरगाह पर काफी पैसे खर्च किये हैं और भारत इसे किसी भी हालत में निकलने नहीं देना चाहता है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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