इंडोनेशिया और भारत ने रक्षा और सागरी सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी साझेदारी अधिक मजबूत करने का निर्णय किया हैं। भारत और इंडोनेशिया एकत्रित रूप से सबांग बन्दरगाह का विकास करेंगे।
आपको बतादे, सबंग बंदरगाह, सुमात्रा द्वीप के उत्तरी छोर पर है और यह बंदरगाह स्ट्रेट ऑफ़ मालक्का के काफी नजदीक हैं। समुद्री सतह से 40 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस बंदरगाह विकास होने पर व्यापारी जहाजे, सैनिकी पनडुब्बिया और अन्य जहाजों की तैनाती की जा सकती हैं।
सबंग बंदरगाह भारतीय द्वीपसमूह अंडमान और निकोबार से सिर्फ 175 किलोमीटर की दुरी पर हैं। भारतीय द्वीपसमूह के करीब होने के कारन अंदमान और निकोबार स्थित अंडमान निकोबार ट्राई सर्विस कमांड के सैनिकी जहाज आसानी से पहुँच सकते हैं।
सबंग बंदरगाह की विषय में भारतीय दिलचस्पी नईं नहीं हैं, मोदी सरकार के पहले साल में ही इस विषय में इंडोनेशिया की सरकार के साथ बातचीत शुरू कर दी गयी थी।
अब सबंग बंदरगाह के अधिकार भारत सरकार को सोंप दिए जाने से, भारतीय नौसेना की स्थिति इस क्षेत्र में अधिक मजबूत हो गयी हैं। इंडोनेशिया के सागरी सीमा में होने के कारन भारतीय नौसेना के जहाज इस बंगारगाह के समीप गश्त नहीं लगा सकते थे, लेकिन अब पूर्वी हिन्द महासागर और स्ट्रेट ऑफ़ मालक्का में किसी भी ऑपरेशन को भारतीय नौसेना यशस्वी कर सकती हैं।
बुधवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशियन राष्ट्रपति जोको विडोड़ो के बीच हुई द्वीपक्षीय वार्ता में दोनों नेता सबंग बंदरगाह भारत की मदत से विकसित करने के विषय में सहमत हुए। दोनों नेताओं ने भारत और इंडोनेशिया के बीच सागरी रक्षा के विषय में सहयोग बढ़ाने में जोर दिया।
भारत और इंडोनेशिया के नौसेनाओं के बीच सालाना युद्ध अभ्यास और साझा सागरी गश्त में भी सहयोग करने के लिए दोनों नेता राजी हुए। अपने साझा मीडिया संबोधन में उहोने कहा, “भारत-प्रशांत सागरी क्षेत्र में जानकारी के आदानप्रदान में दोनों देश आपसी सहयोग से काम करेंगे।”
मोदी-विडोड़ो वार्ता के कुछ मुख्य बिंदु
- दोनों देशों के बीच वस्तुए, सेवाएँ, निवेश और तकनीकी साझेदारी बढ़ाई जाएगी।
- भारतीय द्वीपसमूह अंडमान-निकोबार और इंडोनेशिया के सुमात्रा के बीच व्यापार और पर्यटन के वृद्धि के लिए प्रयत्न किए जाएँगे।
- सागरी सुरक्षा, शिपबिल्डिंग के क्षेत्र में भारत, इंडोनेशिया को मदत मुहैय्या कराएगा।
- भूकंप, बाढ़ जैसी नैसर्गिक आपदाओं से निपटने के लिए भारत, इंडोनेशिया को पूर्व सूचना संयंत्र देगा।